एक रिसर्च में यह कहा गया है कि 22,484 पॉर्न साइट्स को स्कैन करने के बाद यह जानकारी सामने आई है कि 93 प्रतिशत वेबसाइट्स ऐसी हैं जो यूजर्स के डाटा को थर्ड पार्टी के साथ लीक कर रही हैं। वहीं इनमें से 74 प्रतिशत पॉर्न वेबसाइट्स ऐसी भी हैं जिन्हें गूगल और उसकी कंपनियां ट्रैक कर रही हैं। इसके अलावा सॉफ्टवेयर डिवेलपर कंपनी ऑरेकल ( Oracle ) को 24 प्रतिशत पॉर्न साइट्स को ट्रैक करते हुए पाया गया है। साथ ही सबसे लोकप्रिय सोशल साइट प्लेटफॉर्म फेसबुक को भी स्कैनिंग के दौरान 10 प्रतिशत पॉर्न साइट्स को ट्रैक करते हुए पाया गया है। इन पॉर्न साइट्स की प्राइवेसी पॉलिसी को देखा जाए तो एक यूजर के लिए इसे समझना आसान नहीं होता है। अभी तक दुनियाभर के सिर्फ 17 प्रतिशत पॉर्न साइट ही प्राइवेसी पॉलिसी को फॉलो करती हैं।
जब कोई यूजर लगातार किसी ऐसी साइट को इस्तेमाल कर रहा हो तो उसे सबसे ज्यादा ट्रैक किया जाता है। ट्रैकिंग के दौरान कंपनियां साइट पर कूकीज भेजती हैं जो साइट यूज करने के दौरान यूजर्स के डिवाइस में डाउनलोड हो जाते हैं। इसके अलावा कई कंपनियां पिक्सल साइट फोटोज और टेक्स्ट फाइल के जरिए भी डिवाइस पर डाउनलोड कराते हैं। इसके बाद ये कूकीज ट्रैकिंग करने के लिए यूजर्स को साइट पर बनाए रखने के लिए साइट से संबंधित विज्ञापन दिखाते हैं।