ग्रुप ए में भारतीय टीम
बतौर मेजबान होने के नाते टीम इंडिया को इस टूर्नामेंट में सीधा प्रवेश मिला है। भारत के अलावे बाद की सभी टीमें क्वालिफाइग राउंड की बाधा को पार करने के बाद पहुंची है। बताते चलें कि 57 साल बाद फीफा के किसी टूर्नामेंट में भाग ले रही है इंडियन फुटबाल टीम।
घाना की चुनौती है सबसे बड़ी
ग्रुप ए में भारतीय टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती घाना की है। पश्चिम अफ्रीकी देश घाना इससे पहले दो बार इस टूर्नामेंट की विजेता रही है। घाना की टीम इटली में हुए विश्व कप 1991 और इक्वाडोर में हुए 1995 वर्ल्ड कप की विजेता रही है। इसके साथ ही घाना 1993 और 1997 के विश्व कप की उपविजेता भी रही है।
अमरीकी चुनौती भी है दमदार
ग्रुप ए में घाना और भारत के साथ-साथ अमरीका की टीम भी शामिल है। इसके पिछले प्रदर्शन को देखते हुए इसे कमदर आंकने की भुल नहीं की जा सकती। अमरीका लगभग हर बार इस टूर्नामेंट में भाग लेता रहा है। इस बार वह 16 वीं बार फीफा वर्ल्ड कप में भाग ले रहा है। अमरीका की सर्वश्रेष्ठ स्थिति 1999 के विश्व कप में रहा था। तब अमरीकी टीम चौथें स्थान पर थी।
कोलंबिया भी है ग्रुप ए में
कोलंबिया की टीम इस बार छठी बार फीफा अंडर 17 वर्ल्ड कप में भाग ले रही है। कोलंबिया की टीम की सबसे खास बात यह है कि साल 2009 में भाग लेने के बाद से हर बार टीम इसमें प्रवेश कर रही है। इस टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2009 के विश्व कप में आया था। तब टीम तीसरे स्थान पर आई थी।