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U17 WC: सरकार थपथपा रही थी अपनी पीठ, फीफा के डायरेक्टर ने मेजबानी को ठहराया घटिया

locationनई दिल्लीPublished: Jan 25, 2018 09:46:00 am

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

FIFA U 17 WC 2017 की मेजबानी को सफल बताने वाले सरकारी दावों पर प्रश्न चिन्ह लगा है। टूर्नामेंट के निदेशक जेवियर सिप्पी ने मेजबानी को घटिया बताया है।

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नई दिल्ली। साल 2017 में भारत में फीफा अंडर 17 विश्व कप का आयोजन किया गया था। सरकारी दावों के मुताबिक यह आयोजन काफी सफल रहा। इसकी मेजबानी के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि भारत भी अब फुटबॉल के क्षेत्र में बेहतरीन टीम बनकर उभरेगी। तत्कालिन खेल मंत्री, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत फुटबाल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अधिकारी इस आयोजन को सफल बता चुके हैं। लेकिन अब फीफा अंडर 17 विश्व कप टूर्नामेंट के निदेशक जेवियर सेप्पी ने भारत की मेजबानी को घटिया करार दिया है।

ड्रेसिंग रूम में दिखते थे चूहें- सिप्पी
फीफा अंडर-17 विश्व कप टूर्नामेंट के निदेशक जेवियर सेप्पी का कहना है कि प्रशंसकों के लिए इस टूर्नामेंट का आयोजन असफल रहा। सेप्पी ने कहा कि फुटबाल के खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूप में चूहों को देखना अव्यवस्था को दर्शाता है। चिली के निवासी सेप्पी ने यह भी कहा कि राजधानी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित छह मैचों के केवल 47,000 टिकट ही बिके। इस स्टेडियम में एक समय पर 60,000 लोग बैठ सकते हैं, लेकिन हर मैच में केवल 30,000 लोग ही नजर आए।

सुरक्षा का मुद्दा भी रहा अहम –
पांचवें ‘इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन फुटबाल बिजनेस’ में सेप्पी ने कहा कि दिल्ली में केवल 47,000 टिकट ही बिके। प्रशंसकों को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए था और उनके लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाना चाहिए था, जो उन्हें स्टेडियमों तक खींच कर लाता। इस सम्मेलन में पहुंचे लोगों से सेप्पी ने अपने अनुभव साझा करने के लिए कहा। लोगों ने कहा कि सुरक्षा मुद्दों के कारण उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा।

2010 कॉमनवेल्थ गेम की मेजबानी पर उठाया सवाल –
सेप्पी ने कहा कि भारत में ऐसे टूर्नामेंट का आयोजन बहुत मुश्किल है। उन्होंने 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के असफल आयोजन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि विश्व कप का आयोजन सफल था, लेकिन मैं सच कहूं, तो एक प्रशंसक के तौर पर मेरे अनुभव से यह प्रशंसकों के लिए सफल नहीं था और यहीं सच्चाई है।

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