1999-2009 तक सांसद थे दासमुंशी
कुछ समय बाद ही दासमुंशी को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्ट्रोक के कारण उनका शरीर लकवे का शिकार हो गया और वह कुछ भी बोल पाने में असमर्थ थे। उनके मष्तिष्क तक खून पहुंचना बंद हो गया था। दासमुंशी 1999 से 2009 तक संसद के सदस्य थे। मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने 2004 से 2008 तक संसदीय मामलों के मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में सेवा दी।
बंगाल में कांग्रेस के दिग्गज नेता थे दासमुंशी
दासमुंशी ने पश्चिम बंगाल में रायगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद उनकी पत्नी दीपा ने इसका प्रतिनिधित्व किया। साल 2014 में तृणमूल कांग्रेस ने दासमुंशी के भाई सत्यराजन दासमुंशी को उनकी पत्नी के खिलाफ उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया था। दासमुंशी ने अपना राजनीतिक करियर भारतीय युवक कांग्रेस के साथ शुरू किया था। साल 1971 में उन्होंने संसद में प्रवेश किया था। कांग्रेस समर्थकों में दासमुंशी की लोकप्रियता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी सेहत की स्थिति को देखने के बावजूद उनका नाम पिछले साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बनी प्रचार अभियान समिति के 90 सदस्यों में शामिल था।
खेल की दुनिया में भी बड़ा नाम
दासमुंशी का देश में फुटबाल के प्रचार-प्रसार में काफी योगदान रहा। वह करीब दो दशक तक आल इंडिया फुटबाल फेडरेशन (एआईएफएफ) के प्रमुख रहे। दासमुंशी साल 2006 में फीफा विश्व कप में मैच कमिश्नर का पद हासिल करने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और क्रोएशिया के बीच खेले गए ग्रुप स्तर के मैच में इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी। साल 2008 में स्ट्रोक आने के समय तक वह भारतीय फुटबाल निकाय के अध्यक्ष थे। उसके बाद यह पद प्रफुल्ल पटेल को सौंपा गया।
राष्ट्रपति सहित खेल मंत्री ने किया ट्वीट
दासमुंशी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित केद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर शोक में दिखे। कोविंद ने ट्वीट करते हुए अपना शोक संदेश लिखा। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्विटर पर अपने शोक संदेश में लिखा कि मैं वरिष्ठ नेता दासमुंशी के निधन से दुखी हूं। वह खेलों और खासकर फुटबाल के लिये एक बड़ी धरोहर छोड़ गये हैं। उनका खेल मंत्रालय, एआईएफएफ और फीफा के मैच कमिशनर के तौर पर किया गया काम हमेशा याद किया जाएगा। प्रफुल्ल पटेल ने अपने संदेश में कहा हमें यह सुनकर बहुत दुख हो रहा है कि दासमुंशी अब नहीं रहे। भारतीय फुटबाल के लिये यह बड़ा नुकसान है और हम उनके योगदान को कभी नहीं भूलेंगे। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
वाइचुंग भूटिया ने भी जताई निराशा
पूर्व भारतीय फुटबाल कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा कि दासमुंशी भारतीय फुटबाल में आये बड़े बदलाव के पुरोधा थे। एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने भी दासमुंशी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुये कहा कि हम सभी के लिये दासमुंशी प्रेरणास्त्रोत थे। वह काम के प्रति जुनूनी थे और उन्हें फुटबाल के लिये अपने प्यार के लिये याद रखा जाएगा। हम एआईएफएफ की ओर से उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।