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स्ट्राइकर Romelu Lukaku को कोच ने दी Manchester United छोड़ने की सलाह

locationनई दिल्लीPublished: Jun 19, 2019 08:45:55 am

Submitted by:

Manoj Sharma

स्ट्राइकर Romelu Lukaku के इंटर मिलान में जाने की अटकलों के बाद बेल्जियम के राष्ट्रीय कोच ने दी Manchester United छोड़ने की सलाह।

Romelu Lukaku

स्ट्राइकर Romelu Lukaku को कोच ने दी Manchester United छोड़ने की सलाह

मैनचेस्टर। बेल्जियम की राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच रोबटरे मार्टिनेज ने स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू ( Romelu Lukaku ) को सलाह दी है कि उन्हें मैनचेस्टेर युनाइटेड छोड़ देना चाहिए। Romelu Lukaku ने इंग्लिश क्लब मैनचेस्टेर युनाइटेड ( Manchester United ) की तरफ से 96 मैचों में खेलने हुए कुल 42 गोल ही किए हैं।
रोमेलू लुकाकू का सही क्लब ढूंढना जरूरी

कोच मार्टिनेज ने यह भी कहा है कि रोमेलू लुकाकू का सही क्लब ढूंढना बेहद जरूरी है। यही लुकाकू और मैनचेस्टेर युनाइटेड, दोनों के लिए बेहतर होगा। स्ट्राइकर लुकाकू जुलाई 2017 में मैनचेस्टेर युनाइटेड में शामिल हुए। उससे पहले वह एवर्टन की तरफ से खेलते थे। मार्टिनेज एवर्टन में भी लुकाकू के कोच थे।
लुकाकू के इंटर मिलान में जाने की अटकलें तेज

पिछले कुछ समय से लुकाकू के इंटली के क्लब इंटर मिलान में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन मैनचेस्टेर युनाइटेड के साथ उनका कॉन्ट्रैक्ट अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके बावजूद लुकाकू के मैनचेस्टेर युनाइटेड छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। यही वजह है कि लुकाकू का क्लब और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्गदर्शन करते आ रहे मार्टिनेज ने सार्वजनिक रूप से उन्हें यह कड़ी सलाह दे डाली है। उन्हें यह भी कहना पड़ा कि लुकाकू खुद भी मैनचेस्टर युनाइटेड से अलग होना चाहते हैं। पिछले सीजन में इंग्लिश क्लब के लिए लुकाकू का प्रदर्शन सामान्य था। उन्होंने 45 मैचों में कुल 15 गोल किए थे।
Striker Romelu Lukaku
अभावों में बीता था लुकाकू का बचपन

बेल्जियम के स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू फुटबालर के रूप में बड़े-बड़े क्लबों की तरफ से खेले हैं। अब वे आर्थिक रूप से काफी मजबूत हैं, लेकिन खुद उनके शब्दों में उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता था। उनके अनुसार उनके बचपन में उनके घर में खाने की कमी होती थी। मां को दूध में पानी मिलाना पड़ता था ताकि वह पूरे परिवार के लिए पर्याप्त हो सके। घर के बिजली का बिल जमा करने के लिए उनके माता-पिता के पास पैसे नहीं होते थे। तब उनके पिता अपने पेशेवर फुटबॉलर के रूप में अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे।
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लुकाकू के मुताबिक वह केवल छह वर्ष के थे जब उन्हें अपने परिवार की गरीबी का अहसास हुआ। इसके बाद ही उन्होंने निश्चय किया था कि वह पेशेवर फुटबॉलर बनकर अपने परिवार को गरीबी के मकड़जाल से बाहर निकालेंगे और इस काम में 26 वर्षीय लुकानू सफल भी रहे।
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