सभी सहयोगियों को अवार्ड किया समर्पित-
ग्रगोरी ने कहा, “पिछला सीजन शानदार रहा इसलिए यह पुरस्कार चेन्नईयन एफसी के कोचिंग स्टाफ, प्रबंधन और उन सभी के लिए है जो क्लब से जुड़े हैं। मैं कुछ सप्ताह में भारत वापस आकर हमारे आईएसएल खिताब को बचाने के लिए उत्सुक हूं। उन्होंने कहा, “कोचों की बिरादरी के लिए एआईएफसी संघ बहुत महत्वूपर्ण है। चेन्नईयन एफसी में हम सभी महत्वाकांक्षी कोचों की मदद करने के लिए तत्पर हैं।”
बेगलुरू को हराते हुए जीता था खिताब-
पिछले साल दिसंबर में स्थापित किए गए एआईएफसी को अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ की मान्यता प्राप्त है। ग्रेगोरी की देखरेख में चेन्नई की टीम ने इस साल बेंगलुरू एफसी को हराते हुए दूसरी बार आईएसएल खिताब पर कब्जा किया था। बता दें कि इस साल पूरे टूर्नामेंट में बेंगलुरू एफसी की टीम का प्रदर्शन सबसे दमदार था। सुनील छेत्री की कप्तानी में इस टीम ने सबसे ज्यादा मैचों में जीत हासिल की। फाइनल फाइट में भी बेंगलुरू की टीम हॉट फेवरेट थी। लेकिन चेन्नईयन ने अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर खिताब पर अपना कब्जा जमाया था।
पहली बार भारतीय क्लब की थी कोचिंग-
कोच ऑफ द इयर 2018 का खिताब जीतने वाले ग्रेगोरी के एक बात और बताते चले कि ग्रेगोरी पहली बार किसी भारतीय क्लब से जुड़े थे। पहली बार ही अपनी कोचिंग में टीम को चैंपियन बनवाते हुए ग्रेगोरी ने बड़ा नाम किया था।