पुलिस और एसओजी ने की कार्रवाई शनिवार देर शाम को इंस्पेक्टर टूंडला बीडी पांडे ने एसओजी प्रभारी प्रवीन्द्र प्रताप सिंह के साथ मिलकर सुमित बिहार काॅलोनी एटा रोड से सोल्वर गैंग को पकड़ा था। सोमवार को घटना का अनवारण करते हुए एसपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि एटा रोड स्थित एक फ्लैट में कुछ युवक परीक्षा पास कराने को लेकर बातचीत कर रहे हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर दी तभी एक युवक ने आवाज लगा दी। आवाज सुनते ही युवक भागने लगे। पुलिस ने चार युवकों को मौके से पकड़ लिया जबकि बाकी भागने में सफल हो गए।
ये हैं पकड़े गए लोगों के नाम
पकड़े गए युवकों ने अपने नाम हरेन्द्र पुत्र रंधीर सिंह निवासी नगला तुलसी, सुशील पुत्र सुखदयाल निवासी नगला रति लाइनपार, रूपेश पौनियां पुत्र लाखन सिंह, अजय पौनियां पुत्र उदयभान सिंह निवासीगण गांव बसई बताया। वहीं भागने वालों के नाम मोहन यादव पुत्र सुखराम निवासी नगला दत्त, सचिन पुत्र किडोरे सिंह निवासी गढ़ी भगवंत, अनिल और जितेन्द्र नाम पता अज्ञात बताया। पूछताछ में पकड़े गए युवकों ने बताया कि मोहन सोल्वर गैंग का लीडर है। वह परीक्षा पास कराकर नौकरी लगवाने का काम करता है। वह पुलिस भर्ती परीक्षा पास कर चुके हैं और मेडिकल की जानकारी के लिए उसके पास आए थे। पुलिस को मौके पर 52 प्रवेश पत्र, 12 सील मोहर, दो चैकबुक, एक डायरी, 31 लोगों के फोटो, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क समेत अन्य सामान मिला है। इंस्पेक्टर ने बताया कि मोहन नाम का फरार आरोपित परीक्षा पास कराने की गारंटी लेकर युवाओं को अपने गैंग से जोड़ता है। जो लोग परीक्षा पास कर चुके होते हैं उन्हें परीक्षा में बिठाने का काम करता है।
पकड़े गए युवकों ने अपने नाम हरेन्द्र पुत्र रंधीर सिंह निवासी नगला तुलसी, सुशील पुत्र सुखदयाल निवासी नगला रति लाइनपार, रूपेश पौनियां पुत्र लाखन सिंह, अजय पौनियां पुत्र उदयभान सिंह निवासीगण गांव बसई बताया। वहीं भागने वालों के नाम मोहन यादव पुत्र सुखराम निवासी नगला दत्त, सचिन पुत्र किडोरे सिंह निवासी गढ़ी भगवंत, अनिल और जितेन्द्र नाम पता अज्ञात बताया। पूछताछ में पकड़े गए युवकों ने बताया कि मोहन सोल्वर गैंग का लीडर है। वह परीक्षा पास कराकर नौकरी लगवाने का काम करता है। वह पुलिस भर्ती परीक्षा पास कर चुके हैं और मेडिकल की जानकारी के लिए उसके पास आए थे। पुलिस को मौके पर 52 प्रवेश पत्र, 12 सील मोहर, दो चैकबुक, एक डायरी, 31 लोगों के फोटो, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क समेत अन्य सामान मिला है। इंस्पेक्टर ने बताया कि मोहन नाम का फरार आरोपित परीक्षा पास कराने की गारंटी लेकर युवाओं को अपने गैंग से जोड़ता है। जो लोग परीक्षा पास कर चुके होते हैं उन्हें परीक्षा में बिठाने का काम करता है।
किया घटना का खुलासा
रूपेश पौनियां ने पुलिस को बताया कि 18 जून 2018 को उसने पुलिस की परीक्षा दी थी। जिसमें मेरे आगे सोल्वर सचिन को बिठा दिया था। जिसने मेरी परीक्षा को हल कर दिया था। भर्ती कराने के सात लाख तय थे जिसमें से दो लाख मोहन को दे दिए हैं। मेडिकल की जानकारी करने आया था। अजय पौनियां ने बताया कि उसने 19 जून को पुलिस भर्ती की परीक्षा दी थी। जिसमें मेरे प्रवेश पत्र के फोटो में छेड़खानी कर सचिन ने मेरी जगह परीक्षा दी थी। जिसमें मैं पास हो गया था। हरेन्द्र पाल ने बताया कि वह पुलिस भर्ती में ओवरएज हो गया था। उसने 2010 में हरेन्द्र के स्थान पर हरवीर के नाम से हाईस्कूल की परीक्षा पास की और इसी अंकतालिका से मैंने मोहन यादव द्वारा फार्म भरवाया था। प्रवेश पत्र के फोटो में छेड़छाड़ कर अनिल ने मेरे स्थान पर परीक्षा पास की। इस काम के लिए उसने मोहन को डेढ़ लाख रुपए दिए।
रूपेश पौनियां ने पुलिस को बताया कि 18 जून 2018 को उसने पुलिस की परीक्षा दी थी। जिसमें मेरे आगे सोल्वर सचिन को बिठा दिया था। जिसने मेरी परीक्षा को हल कर दिया था। भर्ती कराने के सात लाख तय थे जिसमें से दो लाख मोहन को दे दिए हैं। मेडिकल की जानकारी करने आया था। अजय पौनियां ने बताया कि उसने 19 जून को पुलिस भर्ती की परीक्षा दी थी। जिसमें मेरे प्रवेश पत्र के फोटो में छेड़खानी कर सचिन ने मेरी जगह परीक्षा दी थी। जिसमें मैं पास हो गया था। हरेन्द्र पाल ने बताया कि वह पुलिस भर्ती में ओवरएज हो गया था। उसने 2010 में हरेन्द्र के स्थान पर हरवीर के नाम से हाईस्कूल की परीक्षा पास की और इसी अंकतालिका से मैंने मोहन यादव द्वारा फार्म भरवाया था। प्रवेश पत्र के फोटो में छेड़छाड़ कर अनिल ने मेरे स्थान पर परीक्षा पास की। इस काम के लिए उसने मोहन को डेढ़ लाख रुपए दिए।