कदम नहीं हटेंगे पीछे शिक्षामित्र आनंद कुमार बताते हैं कि अब शिक्षामित्र किसी भी सूरत में पीछे हटने वाले नहीं हैं। प्रदेश की योगी सरकार ने पहले ही शिक्षामित्रों को झूठा आश्वासन देकर धरना समाप्त करा दिया था लेकिन इस बार शिक्षामित्र सरकार के झूठे वादों के चक्कर में फंसने वाले नहीं हैं। शिक्षामित्र शिक्षण कार्य पहले से ही विरत कर चुके हैं अब आर-पार करने के मूड़ में हैं। लखनऊ में अगर बात नहीं बनी तो मजबूरन उन्हें दिल्ली में आंदोलन करने को विवश होना पडेगा।
जिले में किया 15 दिन प्रदर्शन शिक्षामित्र राकेश उपाध्याय कहते हैं कि शिक्षामित्रों ने मांगों को लेकर जिले में 15 दिन तक विरोध प्रदर्शन किया लेकिन कोई सुनने नहीं आया। जो आया भी वह झूठा आश्वासन देकर चलता बना। शिक्षामित्र जब तक अपने मूल विद्यालय में शिक्षण कार्य नहीं कराएंगे। जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता। इस बार कुछ निर्णय निकलने के बाद ही शिक्षामित्र विद्यालय जाने के बारे में सोचेंगे।
निकलते ही पुलिस ने रोका शिक्षामित्र रमेश कुमार ने बताया कि वह जैसे ही लखनऊ के लिए मुख्यालय से रवाना हुए। सिरसागंज पर पुलिस ने रोकने का प्रयास किया लेकिन शिक्षामित्र नहीं रूके। शिक्षामित्र पुलिस को दरकिनार करते हुए आगे बढ गए। कुछ दूर चलने के बाद दोबारा पुलिस ने शिक्षामित्रों की बस को रूकवा लिया। उनसे लखनऊ न जाने का आग्रह किया लेकिन शिक्षामित्र फिर भी नहीं माने। लखनऊ पहुंचने तक उन्हें कई बार विरोध का सामना करना पड़ा।
जिले से गए करीब दो हजार शिक्षामित्र फिरोजाबाद जिले से करीब दो हजार शिक्षामित्र लखनऊ प्रदर्शन में पहुंचे। लखनऊ गए शिक्षामित्रों के परिजन भी पल-पल की जानकारी जुटा रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं पुलिस उन पर लाठीचार्ज न कर दे और उनके बेटे या बेटी को कोई नुकसान पहुंच जाए। हालांकि लखनऊ गए शिक्षामित्रों ने ऐसी किसी घटना से इंकार किया है। शिक्षामित्रों ने बताया कि वह शांति पूर्वक अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक कोई निर्णय नहीं निकल सका है।