मेला जल विहार का शुभारंभ ठाकुरजी की पूजा आराधना के साथ प्रारंभ हुआ। मंदिर के पुजारी बसंतगिरि ने विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर ठाकुरजी की प्रतिमा को डोले में बैठाया। फूलों से की गयी विशेष साज-सच्जा के साथ ठाकुरजी की झांकी रेलवे फ्रेंड्स क्लव से प्रारंभ हुई। शोभायात्रा दीपा का चैराहा, मुख्य बाजार, रामीलीला मैदान, भारत माताचैक, सब्जीमंडी होते हुए अशोक वाटिका पहुंची। यहां से शोभायात्रा वापस उसी मार्ग से होते हुए मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई।
प्रसाद वितरण के उपरांत देर रात्रि तक भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। ठाकुर जी के डोले के आगे भगवान गणेश की झांकी चल रही थी। इनके पीछे अन्य झांकियां थीं। बैंड धार्मिक धुन छेड़ता हुआ चल रहा था। ठाकुरजी के डोले के साथ साधूसंत व भक्त चंवर डुलाते साथ चल रहे थे। भगवान श्रीकृष्ण की विहार शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। भक्तों ने भगवान की आरती उतारी और प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर सुरेश श्रोत्रिय, राजीव दुवे, जयजीव पाराशर, द्विजेन्द्र मोहन परमार, आरविंद गुप्ता, सुधाकर उपाध्याय, राजकुमार गुप्ता, जयकिशन चतुर्वेदी, राजीव दुबे, पुष्पेन्द्र गुप्ता, हरीशंकर उपाध्याय, सतेन्द्र गुप्ता, मनोज गुप्ता व महात्मा मौजूद रहे।