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इस समय पर करेंगे लक्ष्मी पूजन तो होगी धन वर्षा, पढ़िए ये खबर

locationफिरोजाबादPublished: Nov 07, 2018 12:19:38 pm

— माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के पूजन को लेकर दीपों की माला सजाकर करें आराधना, शाम 6 बजकर 30 मिनट से रात 8 बजकर 30 मिनट तक वृष लग्न, स्वाति नक्षत्र रहेगा।

Deepawali

Deepawali

फिरोजाबाद। दीपावली के पर्व पर हर कोई माता लक्ष्मी की कृपा पाना चाहता है। आज शाम को माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करेगा। आज कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। कहते हैं परे सभी अमावस्या तिथियों में कार्तिक की अमावस्या सबसे काली और घनेरी होती है। इस रात माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों की झोलियां भरती हैं।
ऐसे करें लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा
आचार्य देवाचार्य शास्त्री के मुताबिक आज शाम 6 बजकर 30 मिनट से रात 8 बजकर 30 मिनट तक वृष लग्न, स्वाति नक्षत्र रहेगा। इस दौरान महालक्ष्मी की पूजा करना शुभ सौभाग्य कारी रहेगा। शाम सात बजकर 10 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक शुभ योग है। रात 8 बजकर 51 मिनट से रात 10 बजकर 32 मिनट तक अमृत योग रहेगा। घर में सुख समृद्धि के लिए गृहस्थजन 7 बजकर 10 मिनट से रात 8 बजे के बीच पूजा करें।
दिवाली पूजन सामग्री
कमल व गुलब के फूल, पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, दूध, इत्र, खील, बताशे, मेवे, शहद, मिठाई, दही, गंगाजल, दीपक, रुई , कलावा, नारियल,तांबे का कलश, स्टील या चांदी का कलश, चांदी का सिक्का, आटा,तेल,लौंग,लाल कपड़ा, घी चौकी और एक थाली। चौकी को साफ करने के बाद आटे की मदद से चौकी पर नवग्रह यंत्र बनाएं। स्टील के कलश में दूध, दही, शहद, गंगाजल, लौंग इत्यादि भरकर उस पर लाल कपड़ा बांध दें और उसके ऊपर नारियल विराजित कर दें। नवग्रह यंत्र पर चांदी का सिक्का रखें और लक्ष्मी-गणपति की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। रोली और अक्षत से टीका करें।
11 या 21 दीपक जलाएं
पहले से तैयार किए हुए पारंपरिक रीति के हिसाब से 11 या 21 सरसों तेल के दीये जलाकर रखें। इसके साथ ही 1,5 या 7 दीपक देसी घी के जलाएं। इसके बाद अपने दाहिने हाथ यानी सीधे हाथ में पुष्प और अक्षत लेकर लक्ष्मी, गणेश सहित सभी देवों का ध्यान करते हुए पूजा का संकल्प करें। इसके बाद सबसे पहले गणपति और लक्ष्मीजी का पूजन करें। फिर दीपक पर रोली और अक्षत से टीका करें और जीवन को प्रकाशित करने के लिए दीपक और अग्निदेव को धन्यवाद करें। इसके बाद महिलाएं माता लक्ष्मीजी को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। यह सामग्री किसी तो दान या उपहार में न दें। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मानकर इसका स्वयं उपयोग करें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।

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