लंबी अवधि के लिए करें निवेश
आप कम रकम निवेश करके भी लंबी अवधि में बड़ी रकम बना सकते हैं। लंबी अवधि के निवेश के कई सारे फायदे हैं। इससे निवेश पर जोखिम काफी कम हो जाता है और बेहतर रिटर्न की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसके जरिए आप अपने भविष्य के बड़े खर्चों के लिए अच्छी तरह प्लानिंग करने में समर्थ हो पाते हैं और बाद में आपको अधिक परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। आज हम ऐसे ही कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिनके जरिए आप भी अमीर बन सकते हैं।
आप कम रकम निवेश करके भी लंबी अवधि में बड़ी रकम बना सकते हैं। लंबी अवधि के निवेश के कई सारे फायदे हैं। इससे निवेश पर जोखिम काफी कम हो जाता है और बेहतर रिटर्न की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसके जरिए आप अपने भविष्य के बड़े खर्चों के लिए अच्छी तरह प्लानिंग करने में समर्थ हो पाते हैं और बाद में आपको अधिक परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। आज हम ऐसे ही कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिनके जरिए आप भी अमीर बन सकते हैं।
इस तरह बनाएं पोर्टफोलियो
अगर आपकी उम्र 18 से 25 साल के बीच में है तो आप इक्विटी में निवेश करके जोरदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। आप निवेश पोर्टफोलियो में 85 फीसदी इक्विटी, 10 फीसदी डेट फंड और 5 फीसदी सोने को शामिल कर सकते हैं। अगर जोखिम कम लेना चाहते हैं तो पीपीएफ का चयन भी कर सकते हैं। वहीं, अगर उम्र 36 से 45 साल के बीच है तो पोर्टफोलियो में 50 फीसदी इक्विटी और डेट व गोल्ड में क्रमश: 20 फीसदी और 5 फीसदी शामिल करें। इसके साथ एफडी, पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम्स, प्रॉपर्टी में 25 फीसदी निवेश करें।
अगर आपकी उम्र 18 से 25 साल के बीच में है तो आप इक्विटी में निवेश करके जोरदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। आप निवेश पोर्टफोलियो में 85 फीसदी इक्विटी, 10 फीसदी डेट फंड और 5 फीसदी सोने को शामिल कर सकते हैं। अगर जोखिम कम लेना चाहते हैं तो पीपीएफ का चयन भी कर सकते हैं। वहीं, अगर उम्र 36 से 45 साल के बीच है तो पोर्टफोलियो में 50 फीसदी इक्विटी और डेट व गोल्ड में क्रमश: 20 फीसदी और 5 फीसदी शामिल करें। इसके साथ एफडी, पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम्स, प्रॉपर्टी में 25 फीसदी निवेश करें।
40 से 60 वाले ऐसे करें प्लानिंग
यदि आपकी उम्र 40 से 60 वर्ष है तो 75 फीसदी निवेश एफडी, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स, पीपीएफ, ईपीएफ में करना चाहिए। सिर्फ 25 फीसदी निवेश ही डेट और इक्विटी में करना चाहिए। अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने से आपको कई तरह के लाभ एक साथ मिलेंगे। सबसे पहले आपका निवेश सुरक्षित हो जाता है, क्योंकि अगर एक निवेश को आपको घाटा भी होता है तो दूसरे निवेश से उसकी क्षतिपूर्ति हो जाती है। इसके अलावा आपको बेहतर रिटर्न भी मिलता है।
यदि आपकी उम्र 40 से 60 वर्ष है तो 75 फीसदी निवेश एफडी, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स, पीपीएफ, ईपीएफ में करना चाहिए। सिर्फ 25 फीसदी निवेश ही डेट और इक्विटी में करना चाहिए। अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने से आपको कई तरह के लाभ एक साथ मिलेंगे। सबसे पहले आपका निवेश सुरक्षित हो जाता है, क्योंकि अगर एक निवेश को आपको घाटा भी होता है तो दूसरे निवेश से उसकी क्षतिपूर्ति हो जाती है। इसके अलावा आपको बेहतर रिटर्न भी मिलता है।
निवेश की सही जानकारी
आय के जिस हिस्से को आप खर्च नहीं करते है, वह आपकी बचत है। अगर आप अपने वेतन के 20 फीसदी का खर्च नहीं करते हैं और इसे किसी बक्से में सुरक्षित रखते हैं तो इसका मतलब है कि आप पैसों की बचत कर रहे हैं। लेकिन केवल इससे आप भविष्य में अमीर नहीं बन सकते हैं। ऐसा इसलिए है कि महंगाई धीरे-धीरे आपकी बचत में सेंध लगाती है। अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं तो इससे मिलने वाला रिटर्न महंगाई से मुकाबला करने में सक्षम नहीं होता है। यही वजह है कि हमें सिर्फ बचत करने की जरूरत नहीं है, बल्कि अपनी बचत का सही जगह निवेश करने की आवश्यकता है।
आय के जिस हिस्से को आप खर्च नहीं करते है, वह आपकी बचत है। अगर आप अपने वेतन के 20 फीसदी का खर्च नहीं करते हैं और इसे किसी बक्से में सुरक्षित रखते हैं तो इसका मतलब है कि आप पैसों की बचत कर रहे हैं। लेकिन केवल इससे आप भविष्य में अमीर नहीं बन सकते हैं। ऐसा इसलिए है कि महंगाई धीरे-धीरे आपकी बचत में सेंध लगाती है। अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं तो इससे मिलने वाला रिटर्न महंगाई से मुकाबला करने में सक्षम नहीं होता है। यही वजह है कि हमें सिर्फ बचत करने की जरूरत नहीं है, बल्कि अपनी बचत का सही जगह निवेश करने की आवश्यकता है।
क्या हैं विकल्प
हममें से अधिकतर लोग उन विकल्पों से परिचित हैं, जहां निवेश किया जा सकता है। इन विकल्पों में प्रॉपर्टी, गोल्ड, बैंक डिपॉजिट, शेयर और डिपॉजिट आदि शामिल हैं। केवल महंगाई के बराबर का रिटर्न पाना किसी स्मार्ट निवेशक का लक्ष्य नहीं हो सकता। इसलिए ऐसे निवेश प्रोडक्ट में निवेश करना फायदेमंद होगा, जो अधिक से अधिक रिटर्न देने में सक्षम हो। हालांकि, निवेश जितना फायदेमंद होगा, जोखिम भी उतना अधिक होता है। इसीलिए नए निवेशक, जिन्हें निवेश की पर्याप्त जानकारी या जोखिमों के बारे में पता नहीं होता और जो बहुत अधिक रिटर्न की उम्मीद करते हुए निवेश करते हैं, उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है।
हममें से अधिकतर लोग उन विकल्पों से परिचित हैं, जहां निवेश किया जा सकता है। इन विकल्पों में प्रॉपर्टी, गोल्ड, बैंक डिपॉजिट, शेयर और डिपॉजिट आदि शामिल हैं। केवल महंगाई के बराबर का रिटर्न पाना किसी स्मार्ट निवेशक का लक्ष्य नहीं हो सकता। इसलिए ऐसे निवेश प्रोडक्ट में निवेश करना फायदेमंद होगा, जो अधिक से अधिक रिटर्न देने में सक्षम हो। हालांकि, निवेश जितना फायदेमंद होगा, जोखिम भी उतना अधिक होता है। इसीलिए नए निवेशक, जिन्हें निवेश की पर्याप्त जानकारी या जोखिमों के बारे में पता नहीं होता और जो बहुत अधिक रिटर्न की उम्मीद करते हुए निवेश करते हैं, उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है।
शानदार रिटर्न देते हैं ये प्रोडक्ट्स
इक्विटी, डेट या बैलेंस्ड म्युचुअल फंड, सरकारी टैक्स फ्री बांड आदि अक्सर अच्छे रिटर्न देते हैं। म्युचुअल फंड्स में एसआईपी के जरिए निवेश कर मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं और जोरदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इन दिनों कई तरह के म्युचुअल फंड उपलब्ध हैं।
इक्विटी, डेट या बैलेंस्ड म्युचुअल फंड, सरकारी टैक्स फ्री बांड आदि अक्सर अच्छे रिटर्न देते हैं। म्युचुअल फंड्स में एसआईपी के जरिए निवेश कर मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं और जोरदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इन दिनों कई तरह के म्युचुअल फंड उपलब्ध हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग
अगर, आप वेतनभोगी हैं तो आपका पीएफ कटता होगा। रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए यह एक बेहतर इन्वेस्ट्रूमेंट है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में 1.5 लाख रुपए सालाना निवेश कर टैक्स **** ले सकते हैं। इसके साथ ही मैच्योरिटी टैक्स फ्री होता है।
अगर, आप वेतनभोगी हैं तो आपका पीएफ कटता होगा। रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए यह एक बेहतर इन्वेस्ट्रूमेंट है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में 1.5 लाख रुपए सालाना निवेश कर टैक्स **** ले सकते हैं। इसके साथ ही मैच्योरिटी टैक्स फ्री होता है।