Published: Jul 21, 2018 04:18:36 pm
Saurabh Sharma
पिछले दो दिनों से चल रही ट्रक हड़ताल की वजह से देश में फलों आैर सब्जियों की कीमतों में इजाफा हो गया है।
ट्रक हड़ताल से फल-सब्जियों में लगी आग, इतने बढ़ गए दाम
नर्इ दिल्ली। बसों आैर ट्रक की देशव्यापी हड़ताल की वजह से महंगार्इ बढ़ने लगी है। पिछले दो दिनों से हड़ताल की वजह से फलों आैर सब्जियों के दामों में बढ़ोत्तरी शुरू हो गर्इ है। जानकारों की मानें तो अगर हड़ताल को जल्द खत्म नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में फलों आैर सब्जियों के दामों में आैर ज्यादा बढ़ोत्तरी हो सकती है। आपको बता दें कि शुक्रवार को एसोचैम की आेर से चेतावनी दी गर्इ थी कि अगर हड़ताल को खत्म नहीं किया गया तो इकोनाॅमी को बड़ा नुकसान हो सकता है।
35 से 40 फीसदी तक बढ़े दाम
प्राप्त जानकारी के अनुसार दो दिनों से जारी इस हड़ताल की वजह से देश में सब्जियों आैर फलों के दामों में बेतहाशा वृद्घि हो गर्इ है। खुदरा आैर थोक सब्जी एवं फल विक्रेताआें ने दामों को 30 से 35 फीसदी तक बढ़ा दिया है। आजादपुर मंडी के थोक फल एवं सब्जी व्यापारी अशोक चौधरी के अनुसार जब से हड़ताल शुरू हुर्इ है तब से फलों आैर सब्जियों का आना बंद हो गया है। जिसकी वजह से उन्हें महंगा करना पड़ रहा है। वहीं खुदरा सब्जी एवं फल विक्रेताआें की मानें तो 40 फीसदी के दाम बढ़ गए हैं।
आैर बढ़ सकते हैं दाम
जानकारों की मानें तो अगर ट्रकों की हड़ताल खत्म नहीं हुर्इ तो आने वाले दिनों फलों आैर सब्जियों के दामों में आैर ज्यादा बढ़ोत्तरी हो सकती है। जानकारों की मानें तो थोक आैर खुदरा स्तर फलों आैर सब्जियों के दामों में 55 से 60 फीसदी का इजाफा हाे सकता है। इसलिए सरकार को इस हड़ताल को जल्द से जल्द खत्म कराना होगा। वैसे ही डीजल के दामों की बढ़ोत्तरी की वजह से फलों आैर सब्जियों के दामों में पहले इजाफा हो रहा है। एेसे में ट्रकों की हड़ताल की वजह से फलों आैर सब्जियों की कीमतों में इजाफा हो चुका है।
हड़ताल में डेढ़ करोड़ वाहन शामिल
ट्रक और बस ऑपरेटर्स संगठन (एआईएमटीसी) ने दावा किया है कि शुक्रवार से शुरू हुई हड़ताल में लगभग 90 लाख ट्रक और 50 लाख बस मालिक शामिल हैं। ये सभी वाहन चलने बंद हो गए हैं। जिससे देश की आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रकों की हड़ताल की वजह से खाने और पीने की चीजों की कीमतें बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। ट्रकों की रफ्तार पर ब्रेक लगने से रोजमर्रा के जरूरत की चीजों की कमी हो सकती है।
ये हैं सरकार के सामने मांगें
– ट्रक ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर लगातार डीजल की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार से अपील कर रहे हैं।
– डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, ताकि उन्हें इसकी बढ़ती कीमतों से राहत मिल सके।
– ऑपरेटर्स की मांग है कि टोल सिस्टम में भी बदलाव लाया जाए। टोल प्लाजा पर न सिर्फ उन्हें समय का नुकसान झेलना पड़ता है, बल्कि इससे उनका काफी मात्रा में ईंधन भी बरबाद होता है।
– ट्रक ऑपरेटर्स की मांग है कि उन्हें थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी में छूट दी जानी चाहिए।