Published: Jan 09, 2019 01:32:17 pm
Saurabh Sharma
छोटे मझोले कारोबार के लिए दिए जाने वाले मुद्रा लोन में बढ़ते एनपीए ने रिजर्व बैंक की फिक्र बढ़ा दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ने वित्त मंत्रालय और सभी बैंकों को इस बारे में चिट्ठी लिखकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
आरबीअार्इ ने पीएम मोदी की मुद्रा लोन की हकीकत रखी सामने, 11663 करोड़ रुपए के एनपीए में हुआ कंवर्ट
नर्इ दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की मुद्रा योजना देश की इकोनाॅमी आैर रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के लिए नर्इ मुसिबत बनती जा रही है। क्याेंकि जो लोन कारोबारियों को पिछले तीन सालों में बांटे, उनमें 11600 करोड़ रुपए से ज्यादा नाॅन परफार्मिंग एसेट्स यानी एनीए में कंवर्ट हो चुका है। इसके लिए आरबीआर्इ ने चिंता जताते हुए सभी बैंकों आैर फाइनेंस मिनिस्ट्री को लेटर लिखा है। आपको बता दें कि बेरोजगार लोगों को रोजगार देने आैर खुद कास व्यापार शुरू करने के लिए मुद्रा योजना शुरू की गर्इ थी। जिसके तहत लाखों लोगों ने बैंकों से मुद्रा लोन लिया। लेकिन वो अभी तक वापस बैंकों के पास वापस नहीं आ सका है। आइए आपको भी बताते हैं मुद्रा लोन की हकीकत के बारे में…
11663.35 करोड़ रुपया एनपीए में तब्दील
छोटे मझोले कारोबार के लिए दिए जाने वाले मुद्रा लोन में बढ़ते एनपीए ने रिजर्व बैंक की फिक्र बढ़ा दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ने वित्त मंत्रालय और सभी बैंकों को इस बारे में चिट्ठी लिखकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। आरबीआई ने वित्त मंत्रालय और बैंकों को समीक्षा रिपोर्ट भी दी है। आरबीआई ने मुद्रा लोन पर समीक्षा रिपोर्ट खुद तैयार की है। आपको बता दें कि मुद्रा लोन के रूप में लिया गया रुपया वापस नहीं आया है। जिसके कारण वो लोन का 11663.35 करोड़ रुपया एनपीए में तब्दील हो चुका है।
तीन साल में छह गुना बढ़ गया एनपीए
आरबीआर्इ की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 में बांटे गए मुद्रा लोन में से 596 करोड़ रुपए एनपीए में तब्दील हो गए। उसके अगले साल वित्त वर्ष 2016-17 में बांटे गए मुद्रा लोन में से 3790.35 करोड़ रुपए एनपीए में कंवर्ट हो गया। वहीं वित्त वर्ष 2017-18 में बांटा गया लोन का 7277 करोड़ रुपया एनपीए में चला गया है। अगर इन तीनों रकम हो जाेड़ा दिया जाए तो यह रकम 11663.35 करोड़ रुपए बैठ गर्इ है। ताज्जुब की बात तो ये है कि पिछले ती सालों में यह एनपीए 6 गुना बढ़ गया।
यह है सरकार का पक्ष
वहीं आरबीआर्इ की रिपोर्ट पर सरकार का काफी ढीला रवैया है। सरकार इस मामले में कुछ ज्यादा चिंतित नहीं दिखार्इ दे रही है। सरकार का कहना है कि एनपीए बढ़ने को कार्इ चिंता नहीं है। सिर्फ रकम ही ज्यादा दिखार्इ दे रही है, लेकिन फीसदी के हिसाब से यह रकम 2.5 से 3 फीसदी है। यानी जितना रुपया एनपीएम में लोगों को बांटा गया है उसका 2.5 से 3 फीसदी ही एनपीए में कंवर्ट हुआ है।