12 करोड़ किसानों को मिलेगी सहायता आपको बता दें कि इस योजना के तहत देश के छोटे और सीमांत किसान जिनके पास दो हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है, उन्हें तीन किस्तों में 6,000 रुपए की वार्षिक न्यूनतम आय दी जानी है। इस योजना का लाभ 12 करोड़ छोटे और सीमान्त किसानों को मिलेगा। सुब्रहमण्यम ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत में किसानों को समर्थन का स्तर काफी नीचा है। यह योजना इसी काम को पूरा करने में मदद करेगी।
ओईसीडी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनियाभर के देशों में किसानों को दी जाने वाली मदद काफी अधिक है, लेकिन हाल ही में आई आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की रिपोर्ट बताती है कि भारत में यह काफी निचले स्तर पर है। साथ ही कहा कि यह आबादी का वो हिस्सा है जो 125 करोड़ लोगों का पेट भर रहा है। जबकि आपकी आबादी एक प्रतिशत से कम गति से बढ़ रही है और आपका खाद्यान्न उत्पादन तीन प्रतिशत से अधिक गति से बढ़ रहा है।
किसानों की आय होगी प्रभावित इस वजह से आपके यहां खाद्यान्न का अधिशेष है और कीमतें गिर रही हैं, जिससे किसानों की आय प्रभावित हो रही है। अधिकतर देशों में खेती-किसानी को समर्थन दिया जाता है। इसकी वजह इस क्षेत्र में जोखिम का बहुत ज्यादा होना है। इसलिए खेती-किसानी को समर्थन देना अपरिहार्य है। इस योजना का अन्य महत्वपूर्ण लाभ किसानों हासिल करने योग्य बनाना है।
कमजोर लोगों को मिलेगी मदद आपको बता दें कि वित्तीय संस्थानों ने इस कमजोर वर्ग के लिए नकदी प्रवाह सुनिश्चित करने का वादा किया है। सुब्रहमण्यम ने कहा कि 2015-16 में किसानों की औसत आय 30,000 रुपये थी। इस प्रकार 6,000 रुपए की मदद इसका 20 प्रतिशत हुआ है। यदि किसान के पास एक नियमित आय रहती है तो बैंक उसका आकलन कर किसान को साल में 24,000 रुपए तक का ऋण उपलब्ध करा सकेंगे।
24 फरवरी को शुरू होगी योजना इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सूक्ष्म वित्त का उपयोग कर किसानों को 6,000 रुपए की तय आय से तीन-चार गुना अधिक आय दी जा सकती है। महत्वपूर्ण बात यह सुनुश्चित रिटर्न है जो अभी तक नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इस योजना का आधिकारिक शुभारंभ करेंगे।