एक साल में दोगुना हुआ NPA
बीते 12 फरवरी को राज्यसभा में लिखित जवाब में तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ( shiv pratap shukla ) ने जानकारी दी थी कि 31 मार्च 2018 तक PMMY स्कीम के तहत कुल एनपीए 7,277.31 करोड़ रुपये रहा था। अब आरटीआई के माध्यम से खुलासा हुआ है कि 31 मार्च 2019 तक इस स्कीम के तहत कुल एनपीए बढ़कर 16,481.45 करोड़ रुपये हो गया है। इस प्रकार हम जान सकते हैं कि बीते एक साल में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ( PMMY ) के तहत कुल एनपीए में 9,204.14 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।
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कितने खाते एनपीए घोषित हुए
इस स्कीम के तहत कुल 30.57 लाख खातों को एनपीए घोषित किया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2018 एनपीए घोषित किए जा चुके खातों की संख्या 17.99 लाख थी। ऐसे में यह भी साफ हो गया है कि बीते एक साल में कुल 12.58 लाख अतिरिक्त खातों को एनपीए घोषित किया गया है। हालांकि, इस स्कीम के तहत कुल दिए गए लोन की तुलना में ये एनपीए में अधिक नहीं है। लेकिन, चिंता की बात ये है कि इस एनपीए के बढऩे की दर तेज है।
आरबीआई के इस नियम के तहत एनपीए घोषित होता है खाता
गौरतलब है कि इसी साल के शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त मंत्रालय को चेताया था कि देश के कुल एनपीए में मुद्रा स्कीम के तहत आने वाला एनपीए एक बड़ा योगदान हो सकता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीते एक साल में कुल 3.11 लाख करोड़ रुपये का लोन इस स्कीम के तहत बांटा जा चुका है। ऐसे में कुल इस दौरान कुल एनपीएम 2.89 फीसदी ही रहा है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक, यदि 90 दिनों की अवधि बाद भी कोई इंस्टॉलमेंट नहीं जमा करता है तो उस खाते को एनपीए घोषित कर दिया जाता है।
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