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अब सरकारी बैंकों के प्रदर्शन के आधार पर तय होगी उनकी रैंकिंग

locationनई दिल्लीPublished: Feb 12, 2019 01:04:52 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

केंद्र सरकार अपने नए मुहिम के तहत सरकारी बैंकों की रैंकिंग EASE प्रदर्शन के आधार पर तय करेगी। इसमें ग्राहकों की सुगमता, संतुष्टि समेत कर्इ तरह के प्रदर्शन के आधार पर उनकी रैकिंग तय की जाएगी।

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नर्इ दिल्ली। अब सरकारी बैंकों का रैंकिंग उनके परफार्मेंस के आधार पर तय होगा। इसके लिए केंद्र सरकार सालाना तौर पर उनका अाकलन करेगी। इन सरकारी बैंकों की यह रैंकिंग उनके मुनाफे से लेकर ग्राहकों की संतुष्टि के आधार पर तय किया जाएगा। बताते चलें कि पिछले साल ही सरकार ने रिफाॅर्म एजेंडे के तहत ease नाम से एक मुहिम चलार्इ थी। इसमें EASE का मतलब है Enhanced Access and Service excellence (सुगम एक्सेस व उत्कृष्ठ सेवा)। इसके तहत सरकार ने इस फ्रेमवर्क पर काम करने के लिए बोर्ड भी बनाया था।


इन पैरामीटर्स के आधार पर तय होगी रैंकिंग

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “हम चालू वित्त वर्ष में EASE सर्वे को पेश करने वाले हैं। इससे हमें यह पता चल सकेगा कि किस बैंक का प्रदर्शन बेहतर है आैर किस बैंक को इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। यह सालाना तौर पर किया जाएगा जिससे उधारकर्ताआें में साकारात्मक प्रतिस्पर्धा का माहौल बना रहे।” ज्ञात हो कि ग्राहकों के प्रति बैंकाें की प्रतिक्रिया, वित्तीय समावेशन, डिजिटल प्लेटफाॅर्म व सुरक्षा जैसे पैरामीटर्स पर ध्यान दिया जाएगा। बैंकों का प्रदर्शन उनके रिकवरी के आधार पर, परिसंपत्तियों पर रिटर्न व विभिन्न बैंकिंग स्ट्रैटेजी के अाधार पर तय किया जाएगा।


हाल ही में तीन बैंकों को पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर निकाला गया है

सरकार को उम्मीद है कि फंसे कर्ज में कमी आने के बाद सरकारी क्षेत्र के बैंकों की हालत में सुधार देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अंतरिम बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) ने तीन बैंकों को प्राॅम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) से बाहर निकाला था। हाल ही में वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने कहा था कि सरकार देश के बैंकिंग सेक्टर में रिफाॅर्म लाने के लिए प्रतिबद्ध है आैर उधारकर्ता भी तेजी से रिकवरी करने के लिए बेहतर कदम उठा रहे हैं।

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