छोटे कारोबारियों को मिलेगी राहत
आपको बता दें कि सरकार ने ऐंजल टैक्स में लिमिट बढ़ाकर छोटे कारोबारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके साथ ही 100 करोड़ रुपए से ऊपर को टर्नओवर पर स्टार्टअप दर्जा नहीं दिया जाएगा, जिससे छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी।
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2012 में आया था ये टैक्स
आपको बता दें कि ऐंजल टैक्स की शुरुआत 2012 में हुई थी। उस समय पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया था और इस टैक्स को लाने का मुख्य उद्देश्य मनी लॉड्रिंग पर रोक लगाना था। इसके साथ ही बीते कुछ दिनों में कई स्टार्टअप को इनकम टैक्स विभाग के नोटिस मिले है, जिसमें उन्हें कई साल पहले कारोबार के लिए जुटाए गए फंड पर टैक्स चुकाने को कहा गया है।
क्या होता है ऐंजल टैक्स
ऐंजस टैक्स में कारोबार को बढ़ाने के लिए पैसे जुटाए जाते हैं। इसके एवज में पैसे देने वाली कंपनी या संस्था को वे शेयर जारी किए जाते हैं। इसके साथ ही ये शेयर वाजिब कीमत के मुकाबले ज्यादा कीमत पर जारी किए जाते हैं और शेयर की एक्सट्रा कीमत को उसकी इनकम माना जाता है। इस इनकम पर लगने वाले टैक्स को ही ऐंजल टैक्स कहा जाता है। स्टार्टअप को इस तरह मिले पैसे को ऐंजल फंड कहते हैं। इनकम टैक्स विभाग ऐंजल टैक्स वसूलता है।
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