4 बैंक हैं पीसीए से बाहर
आपको बता दें कि वर्तमान में सिर्फ चार बैंक ही पीसीए के दायरे में हैं। इनमें इंडियन ओवरसीज बैंक ( आईओबी ), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का नाम शामिल है। इस कार्रवाई के तहत आने वाले बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लागू हो जाते हैं। उन्हें नया कर्ज देने, प्रबंधन के पारितोषिक और निदेशकों की फीस जैसे मामलों में कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना होता है।
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वित्त सचिव ने दी जानकारी
वित्त सचिव राजीव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह नियामकीय पूंजी इतनी ज्यादा है कि इससे चारों बैंक इस साल ही पीसीए व्यवस्था से बाहर निकलने में सक्षम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड बैंक विलय के चलते बाहर आ जाएगा जबकि सरकार ने इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक को पर्याप्त पूंजी दी है। यह पूंजी इन बैंकों को पीसीए के दायरे से बाहर निकलने में मदद करेगी।
इन बैंकों को दी पूंजी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को इन चार बैंकों में 10,800 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की है। इंडियन ओवरसीज बैंक को सबसे ज्यादा 3,800 करोड़ रुपये की पूंजी मिली है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,300 करोड़ रुपये , यूको बैंक को 2,100 करोड़ और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ रुपये की नई पूंजी दी जायेगी।
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बैंकों के मर्जर की हुई घोषणा
पिछले हफ्ते सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैकों को मिलाकर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की थी। इसमें यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स का पंजाब नेशनल बैंक के साथ विलय शामिल है। इस विलय के बाद भारतीय स्टेट बैंक के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
एनपीए में आएगी गिरावट
वित्त सचिव का मानना है कि सरकार की ओर से मिलने वाली पूंजी से बैंकों का तरलता स्तर बढ़ेगा और उन्हें अपने एनपीए को 6 फीसदी से नीचे लाने में मदद मिलेगी। बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में 1.21 लाख करोड़ का एनपीए वसूला था।