क्या किया है जनहित याचिका में दावा
याचिका दायरकर्ता ने अपनी याचिका में यह दावा किया है कि गूगल पे भुगतान और सेटलमेंट अधिनियम को उल्लंघन कर रहा है। गूगल पे ( G Pay ) बिना किसी जरूरी ऑथराइजेशन के ही भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में काम कर रहा है। गूगल को भारत में इस सुविध को मुहैया कराने के लिए केंद्रीय बैंक से किसी प्रकार का कोई भी अधिकार नहीं मिला हुआ है।
भुगतान प्रणाली ऑपरेटर्स की लिस्ट में शामिल नहीं है गूगल पे
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने आरबीआई और गूगल इंडिया, दोनेां को नोटिस जारी किया है। बताते चलें कि इस जनहित याचिका को अभिजीत मिश्रा नाम एक शख्स ने दायर किया है। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों आरबीआई और गूगल इंडिया को अपने पक्ष रखने की मांग की है। याचिका इस बात का तर्क दिया गया है कि गूगल पे आरबीआई की अधिकृत ‘भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों’ की लिस्ट में नहीं है। इस लिस्ट को आरबीआई ने अपनी तरफ से 20 मार्च 2019 को जारी किया है।
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