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CIC ने RBI से मांगी जनधन खातों के बारे में ये बड़ी जानकारी

locationनई दिल्लीPublished: Sep 13, 2018 10:53:39 am

Submitted by:

manish ranjan

प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरुआत अगस्त 2014 में हुई थी। इसे शुरु करने का मकसद दूर- दराज ग्रामीण इलाकों में रहने वालों और गरीब लोगों तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाना था।

pm modi

cic ने rbi से मांगी जनधन खातों के बारे में ये बड़ी जानकारी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरुआत अगस्त 2014 में हुई थी। इसे शुरु करने का मकसद दूर- दराज ग्रामीण इलाकों में रहने वालों और गरीब लोगों तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाना था। लेकिन नोटबंदी के दौरान कई गरीब लोगों के लिए खुलवाये गए कई खातों में खूब पैसा आया। इसी को देखते हुए केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने रिजर्व बैंक को निर्देश दिया है की वो इस बात का खुलासा करे की नोटबंदी के दौरान जनधन खातों में 1000 और 500 के कितने नोट जमा हुए है।
सीआईसी ने जारी किया निर्देश
सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव ने रिजर्व बैंक को निर्देश दिया है कि वह कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल को यह जानकारी उपलब्ध कराएं कि नोटबंदी के दौरान जनधन खातों में बंद हुए नोटों में कितनी राशि जमा कराई गई। अग्रवाल ने नोटबंदी से जुड़ी कुछ और जानकारियां भी मांगी हैं। भार्गव ने केंद्रीय बैंक को निर्देश दिया कि यदि उसके पास इस बारे में सूचना नहीं है तो आयोग के पास यह हलफनामा दें कि मांगी गई जानकारी का रिकॉर्ड उसके पास नहीं है। आयोग ने यह भी कहा है कि इस बात की भी जानकारी उपलब्ध कराई जाए कि नोटबंदी के बाद कितने बंद नोट नई करेंसी से बदले गए।
रिजर्व बैंक से मांगी जानकारी
सीआईसी ने रिजर्व बैंक से कहा है कि जनधन खातों के अलावा यह भी ब्योरा दिया जाए कि नोटबंदी के बाद बैंकों के बचत और चालू खातों में बंद नोटों में कितनी राशि जमा कराई गई। अग्रवाल ने रिजर्व बैंक से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत आवेदन कर नोटबंदी से संबंधित विभिन्न जानकारियां मांगी थीं। रिजर्व बैंक से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद अग्रवाल ने आयोग में अपील की थी।
इसलिए चर्चा में आए जनधन खाते
सीआईसी ने यह भी खुलासा करने का निर्देश दिया है कि नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर कितने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही नोटबंदी के बाद नए जब्त किए गए नए 2000 और 500 के नोट के बंडलों का ब्योरा भी देने का निर्देश दिया गया है। बता दे की पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000रुपए के नोटो को बंद करने की घोषणा कर दी थी। उसके बाद से ही जनधन खाते चर्चा के केंद्र में है। उस समय इन खातों में जमा राशि में अचानक उछाल आया था। इस साल अप्रैल तक इन खातों में 80,000करोड़ रुपए की राशि जमा हुई है।
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