नई दिल्लीPublished: Oct 31, 2018 01:41:31 pm
Saurabh Sharma
केंद्र सरकार आैर आरबीआर्इ प्रमुख में बढ़ती खार्इ के बीच अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। अब अटकलें लगार्इ जा रही हैं कि क्या आरबीआर्इ के गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं।
क्या इस्तिफा दे सकते हैं आरबीआर्इ गवर्नर उर्जित पटेल, अटकलों का बाजार गर्म
नर्इ दिल्ली। केंद्र सरकार आैर आरबीआर्इ प्रमुख में बढ़ती खार्इ के बीच अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। अब अटकलें लगार्इ जा रही हैं कि आरबीआर्इ के गवर्नर उर्जित पटेल आज इस्तीफा दे सकते हैं। कुछ मीडिया हाउस सूत्रों के हवाले से इस बात की पुष्टि भी करते हुए नजर आ रहे हैं कि वो बुधवार यानी आज अपना इस्तीफा दे सकते हैं। वास्तव में एनपीए आैर कैपिटल लिक्विडिटी के साथ करीब आधा दर्जन मामलों में केंद्र आैर आरबीआर्इ प्रमुख के बीच खींचतान चल रही है। यह गतिरोध तब आैर सामने आ गया जब आरबीआई की स्वायत्ता को लेकर उनके रुख से उन्हें सरकार की आलोचना का सामना करना पड़ा। सुनने में यह भी आ रहा है कि उनकी अरुण जेटली भी काफी तनातनी चल रही है।
जेटली ने किया था आरबीआर्इ पर वार
मंगलवार को जब पटेल वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की बैठक में शामिल होने वाले थे, उसके कुछ घंटों पहले अरुण जेटली ने 2008 से लेकर 2014 के बीच बैड लोन में आरबीआई के रोल पर सवाल उठाए थे। उस वक्त जेटली ने कहा कि इस अवधि के दौरान बैंकों ने अंधाधुंध लोन दिए और आरबीआई ने इसे नजरअंदाज किया। वित्त मंत्री ने कहा था कि आरबीआई ने 2008 में वास्तविकता को नजरअंदाज किया आैर कुल बैंक क्रेडिट 18 लाख करोड़ से 55 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जिससे देश में नकदी की कमी आर्इ है। एेसा मात्र 6 सालों यानी 2008 से लेकर 2014 के बीच में हुआ। जेटली के अनुसार यह इतनी बड़ी राशि है कि जिसे बैंकों को संभालना बस से बाहर था। कर्ज लेने वाली बड़ी कंपनियों के लिए भी इसे संभालना मुश्किल हो रहा था। जिसकी वजह से एनपीए की समस्या पैदा हुई।
इन छह मुद्दों पर भी चल रही है तनानती
– सबसे पहले उर्जित पटेल आैर सरकार के बीच मतभेद तब देखने को मिले जब आरबीआर्इ की आेर से मुख्य ब्याज दरों में कटौती करने से इनकार कर दिया। यहां तक सरकार के विपरीत जाकर ब्याज दरों को आैर ज्यादा बढ़ा दिया।
– वहीं 12 फरवरी को आरबीआई ने नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स और लोन रिस्ट्रक्चरिंग के नए नियम को लेकर सर्कूलर जारी कर दिया। जिससे सरकार आैर भी ज्यादा नाराज हो गर्इ।
– उर्जित पटेल आैर सरकार के बीच आैर ज्यादा खार्इ बढ़ाने का काम पीएनबी घोटाले ने किया। सरकार ने आरबीआर्इ पर ठीक से निगरानी ना करने का आरोप लगाया।
– गवर्नर ने केंद्र से बैंकों पर नियंत्रण के लिए और अधिक शक्तियां प्रदान करने की मांग की। इस मांग में उर्जित पटेल के बगावती तेवर भी दिखार्इ दिए।
– वहीं एनबीएफसी सेक्टर में नकदी की कमी से भी गवर्नर आैर सरकार के बीच मतभेद ज्यादा बढ़े। आरबीआर्इ ने इस मामले में कोर्इ मदद करने से साफ इनकार कर दिया है।
– आरबीआई के बोर्ड से नचिकेत मोर को कार्यकाल पूरा होने से दो साल से अधिक समय पहले ही बिना सूचना दिए उन्हें हटाए जाने से केंद्रीय बैंक नाराजगी और बढ़ गई।