बैंकों ने घटाई राशि
बैंक जो कर्ज देते हैं उसे कॉरपोरेट, कृषि, रिटेल और एमएसएमई की श्रेणी में बांटा जाता है। कुछ समय पहले तक बैंक जो भी लोन देते थे, उसमें सबसे ज्यादा हिस्सा कॉरपोरेट लोन का होता था। बैंकिंग कर्ज में कॉरपोरेट क्षेत्र का हिस्सा 2015 तक 57 फीसदी तक रहा है। लेकिन अब यह हिस्सा काफी नीचे आ गया है। सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक में ये बाते सामने आई। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बैठक बुलाई थी।
गैर-कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए बैंकों का कर्ज बढ़ा
तो वहीं दूसरी तरफ गैर-कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए बैंकों का कर्ज बढ़ा है। बैंकिंग कर्ज में रिटेल क्षेत्र की हिस्सेदारी मार्च 2015 तक 15 प्रतिशत थी जो कि मार्च 2018 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है।इसी तरह कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी भी लगभग 12 प्रतिशत से बढ़कर 13.5 प्रतिशत हो गई है। इतना ही नहीं पर्सनल लोन में भी वृद्धि हुई है।
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