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क्या है मामला
मामला ये है कि आेसम मिल्क के पास करीब 50 लाख से अभी अधिक मूल्य के सिक्के हैं। लेकिन बैंक सिक्कों के रूप में भुगतान लेने काे तैयार नहीं है। कंपनी के लिए ये भी मुसीबत है कि वो बाजार में इन सिक्कों का प्रयोग नहीं कर पा रही है। कंपनी के पास किसी अन्य मुद्रा में पैसे न होने के वजह से वो अब कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ है। कंपनी ने पिछले कुछ समय में कर्इ लाख मूल्य के सिक्के बाजार में निकाले भी हैं लेकिन अब न तो इसे कोर्इ दुकानदार आैर न ही ग्राहक लेने को तैयार हैं।
पैसे न चुकाने पर बैंक कर सकता है ब्लैकलिस्ट
दूसरी तरफ इंडियन आेवरसीज बैंक का कहना है कि यदि कंपनी जल्द से जल्द पैसे नहीं चुकाती है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। हालांकि इस परेशानी को लेकर आेसम मिल्क के संस्थापक सदस्य अभिनव साह ने भारती रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) आैर इंडियन आेवरसीज बैंक के अधिकारियों को ट्वीट आे मेल किया है। मेल के बाद बैंक के अधिकारियों ने कंपनी को आश्वासन दिया है कि भुगतान के तौर पर सिक्के लिए जाएंगे लेकिन कब तक, इसके बारे में कुछ भी साफ नहीं किया गया है।
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बैंक अधिकारियाें से बात करने पर भी नहीं निकला समाधान
इस समस्या को लेकर कंपनी ने बैंक के स्थानीय अधिकारियों से भी बात की है लेकिन इसका कोर्इ फायदा दिखता नहीं नजर आ रहा है। आेसम मिल्क एक डेयरी उत्पाद बनाने वाली कंपनी है आैर उसके पास रोजाना बड़ी संख्या में सिक्कों के रूम में भुगतान होता है।
बैंक कर रही नियमों का पालनः आरबीआर्इ
इस मामले को लेकर जब एक मीडिया ने आरबीआर्इ के स्थानीय अधिकारी से बात की तो उनका कहना है कि एक दिन में एक खाते में एक हजार रुपए के सिक्के ही जमा करने हैं। आैर सभी बैंक इसी नियम का पालन कर रहे हैं। लेकिन इस मामले में अगर कंपनी को आश्वासन दिया गया है तो बैंक आैर ग्राहक से बात जल्द ही इसका रास्ता निकाला जाएगा।