एनुअल मेंटेनेंस चार्ज सालाना मेंटेनेंस फीस होती है जो कि क्रेडिट कार्ड पर लागू होती है। जब किसी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड फ्री उपलब्ध करवाया जाता है, तो इसका मतलब सिर्फ यह होता है कि ज्वाइनिंग फीस और एनुअल चार्ज को ही हटाया गया है और वो भी एक निश्चित अवधि तक के लिए ही।
क्रेडिट कार्ड के मासिक बिल उस टोटल अमाउंट को दिखाता है जिसका भुगतान आपको करना होता है और उस मिनिमम अमाउंट को भी जिसका भुगतान करना ही होता है। अधिकांश लोग मिनिमम अमाउंट का ही भुगतान करना पसंद करते हैं। लेकिन बैंक इस पर इंटरेस्ट चार्ज वसूलते हैं। आमतौर पर बैंक ड्यू अमाउंट पर 3 से 4 फीसद का इंटरेस्ट चार्ज वसूलते हैं।
क्रेडिट कार्ड से होने वाली सभी तरह के लेनदेन पर जीएसटी लागू होता है जो कि निर्धारित दरों के हिसाब से लागू होता है। अगर किसी सूरत में आप ड्यू डेट तक अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो बैंक आपसे अतिरिक्त चार्ज वसूलते हैं। इसे लेट पेमेंट चार्ज कहा जाता है। जब कार्ड होल्डर अपने कार्ड की लिमिट से ज्यादा का कर्ज ले लेता है तो ओवरड्राफ्ट चार्ज क्रेडिट कार्ड पर लागू होता है।
इतना ही नहीं अगर आप क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल एवं डीजल भरवाते हैं तो थोड़ा सतर्क हो जाएं। अगर आप क्रेडिट कार्ड से रेल टिकट या फिर पेट्रोल एवं डीजल का भुगतान करते हैं तो आपको अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होता है। ग्राहकों को उनके क्रेडिट कार्ड में भी एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा दी जाती है। हालांकि बैंक इस पर भी शुल्क वसूलते हैं जो कि निकाली जाने वाली राशि के 2.5 फीसद तक हो सकता है।