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फंसे कर्ज के मामले में बेहतर स्थिति में मुद्रा लोन, कुल आैसत से कम है एनपीए

locationनई दिल्लीPublished: Nov 23, 2018 03:48:01 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

PMMY ने 2017-18 की रिपोर्ट में कहा था कि सभी वित्त वर्ष 2017-18 में कुल एनपीए में 10 फीसदी की तेजी आर्इ है। 31 मार्च 2018 तक इस स्कीम के तहत कुल एनपीए में 5.83 फीसदी की बढ़ोतरी हुर्इ है।

नर्इ दिल्ली। बैंकिंग सेक्टर लगातार बढ़ते गैर-निष्पादित अस्तियों (एनपीए) के बोझ से परेशान है। लेकिन, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवार्इ) के तहत मुद्रा लोन पर एनपीए पर कुछ खास असर नहीं दिखार्इ दे रहा है। इसके पहले सरकार की इस योजना को लेकर चिंता जाहिर किया जा रहा था कि मुद्रा लोन से एनपीए में इजाफा हो सकता है। पीएमएमवार्इ ने 2017-18 की रिपोर्ट में कहा था कि सभी वित्त वर्ष 2017-18 में कुल एनपीए में 10 फीसदी की तेजी आर्इ है। 31 मार्च 2018 तक इस स्कीम के तहत कुल एनपीए में 5.83 फीसदी की बढ़ोतरी हुर्इ है।


चालू वित्त वर्ष में अब तक बंट चुके हैं 2.54 लाख करोड़ रुपए

साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र की अगुवार्इ वाली एनडीए सरकार ने इस योजना को लाॅन्च किया था। इस स्कीम के तहत नाॅन कार्पोरेट, नाॅन फार्म व माइक्रो उद्योगों को 10 लाख रुपए का कर्ज दिए जाने का प्रावधान है। इसे मुद्रा लोन भी कहा जाता है। यह कर्ज काॅमर्शियल बैंक, क्षेत्रीय बैंक, छोटे वित्तीय बैंक, काॅआॅपरेटिव बैंक व गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान दे सकते हैं। वित्त वर्ष 2017-18 में, कुल मिलाकर मुद्रा लोन के तौर पर 2.54 लाख करोड़ रुपए वर्गीकृत किया गया था। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इसमें 41 फीसदी का इजाफा हुआ था। साल 2018-19 के लिए इसके तहत 3 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है।


किसने कितना दिया लोन

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपिनयों की बात करें तो इन्होंने मुद्रा लोन के तहत करीब 27 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया है। पब्लिक सेक्टर बैंकाें की बात करें तो इन्होंने कुल 92,492.68 करोड़ रुपए दिए गए हैं। हालांकि साल-दर-साल के हिसाब से देखें तो एनबीएफसी ने छोटे व्यापार के लिए अधिक तेजी से लाेन दिया है। छोटे वित्तीय बैंकों में एयू बैंक ने सबसे अधिक उधार दिया है। इस बैंक ने कुल 4,614.4 करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। ये लोन कुल 1,17,000 लेनदरों को दिया गया है। सरकारी बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआर्इ) ने सबसे अधिक 28,791 करोड़ रुपए का लोन दिया है। एसबीआर्इ ने यह लोन 1.41 करोड़ लेनदारों को दिया है। एसबीआर्इ के बाद केनरा बैंक व पंजाब नेशनल बैंक ने क्रमशः 7,665 करोड़ व 6,838 करोड़ रुपए दिया है।

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