वाहन के मालिकों को दिखाना होगा परमिट
इस योजना के तहत वाहन मालिकों को सरकारी एजेंसी से प्राप्त परमिट दिखाना होगा, जिसमें यह कहा गया होगा कि वाहन का इस्तेमाल केवल सार्वजनिक परिवहन के लिए किया जाएगा। फेम इंडिया योजना का दूसरा चरण 1 अप्रैल, 2019 से तीन साल की अवधि के लिए क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत एक्स-फैक्टरी यानी कारखाने से निकलते समय पांच लाख रुपये तक मूल्य के पांच लाख ई-रिक्शा को 50,000-50,000 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
डेढ़ लाख रुपए की हुई पेशकश
आपको बता दें कि इसी तरह कारखाना गेट पर 15 लाख रुपए मूल्य तक के 35,000 बिजली चालित चारपहिया वाहनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए के प्रोत्साहन की पेशकश की गई है। भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा अधिसूचित फेम-दो योजना के तहत मांग प्रोत्साहन की आपूर्ति के लिए डीलरों को स्पष्ट दिशानिर्देश दिए गए हैं।
इन लोगों को नहीं मिलेगा प्रोत्साहन
इसके अनुसार डीलर को यह सुनिश्चित करना होगा कि तिपहिया अथवा चार पहिया वाहनों का निजी इस्तेमाल करने वालों को यह प्रोत्साहन नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, डीलर निजी व्यक्तियों को बिजली चालित दोपहिया की बिक्री पर प्रोत्साहन का दावा कर सकता है। उद्योग मंत्रालय ने कहा कि ई-3 डब्ल्यू, ई-4डब्ल्यू और ई-बस खंड में यह प्रोत्साहन सिर्फ उन वाहनों को मिलेगा जिनका इस्तेमाल सार्वजनिक परिवहन के लिए किया जाता है या जो वाणिज्यिक उद्देश्य से पंजीकृत हैं।
उद्योग मंत्रालय ने दी जानकारी
वहीं, आपको बता दें कि ई-2डब्ल्यू खंड में निजी स्वामित्व वाले वाहनों के अलावा सार्वजनिक परिवहन या वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों पर भी प्रोत्साहन मिलेगा। दिशानिर्देशों के अनुसार डीलर को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी एक श्रेणी में एक व्यक्ति को एक बार ही प्रोत्साहन दिया जाए। कोई भी व्यक्ति एक ही श्रेणी में से एक से अधिक वाहन पर प्रोत्साहन का दावा नहीं कर सकता है। हालांकि, व्यक्तिगत श्रेणी के अलावा अन्य श्रेणियों में वाहनों की संख्या को लेकर कोई अंकुश नहीं है।
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर
( ये न्यूज एजेंसी से ली गई है। )