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महंगा होगा एटीएम, चेकबुक आैर डेबिट-क्रेडिट कार्ड, लग सकता है जीएसटी

locationनई दिल्लीPublished: Apr 29, 2018 09:42:26 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

सरकार के अनुसार अब आपके खाते में कितने भी पैसे क्यों न हों आपके लिए एटीएम, चेकबुक या फिर डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने पर अलग से चार्ज देना होगा।

ATM Card

नर्इ दिल्ली। अब आपके लिए एटीएम, चेकबुक आैर डेबिट-क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल महंगा हो सकता है। सूत्रों की मानें तो सरकार ने जीएसटी के तहत बैंकों को एक नोटिस जारी किया है। सरकार द्वारा जारी नोटिस के अनुसार अब आपके खाते में कितने भी पैसे क्यों ना हों आपके लिए एटीएम, चेकबुक या फिर डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने पर अलग से चार्ज देना होगा। या फिर ये हो सकता है कि इसके बदले आपको अपने खाते में मौजूदा समय के मुकाबले अधिक मिनिमम बैलेंस रखना पड़े।


मंत्रालय ने जीएसटी वसूलने के लिए बैंको को जारी किया नोटिस

दरअसल सरकार का मानना है कि बैंक आपको एटीएम, चेकबुक या डेबिट-क्रेडिट कार्ड की सुविधा देकर आपको एक तरह का सर्विस देता है आैर इसके बदले बैंक आपसे अपने खाते में एक तय मिनिमम बैलेंस रखने को कहता है। आैर इस तरह आपके खाते में मौजूद मिनिमम बैलेंस बैंकों के लिए एक तरह का सर्विस चार्ज है, इसलिए इसपर सर्विस टैक्स बनता है। ये सर्विस टैक्स आज के समय में जीएसटी के तौर पर बनता है। इसी आधार पर वित्त मंत्रालय के तहत आने वाला डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलीजेंस यानि डीजीजीएसटी ने सभी बड़े बैंकों को टैक्स वसूली का नोटिस भी जारी कर दिया है। सरकार के इस नोटिस की सबसे बड़ी बात ये है कि पिछले समय से टैक्स की देनदारी बतार्इ गर्इ। इसका मतलब ये है कि जीएसटी लागू होने से जब सर्विस टैक्स लगता था उसी समय के हिसाब से अब सर्विस टैक्स देना होगा। एेसे में आशंका है कि सरकार के लिए ये रकम हजारों करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।


बैंक सरकार को कर सकते हैं समीक्षा की गुजारिश

हालांकि एेसे में यदि बैंक इस नोटिस के अनुसार टैक्स चुकाते हैं तो ग्राहकों से पिछले तारीख टैक्स वसूलना मुश्किल होगा। कयास लगाया जा रहा है बैंक अपनी झोली से टैक्स चुकाने से पहले सरकार से इस फैसले की समीक्षा करने की गुजारिश कर सकता है। यदि सरकार बैंकों की बात नहीं सुनता है तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में बैंक उन ग्राहकों से भी टैक्स वसूलेंगे जो अपने खाते में मिनिमम बैलेंस रखते हैं आैर तय सीमा तक एटीएम ट्रांजैक्शन, चेक सुविधा अौर कार्ड स्वाइप सुविधा का मुफ्त इस्तेमाल करते हैं।


ट्रांजैक्शन पर पेनाल्टी लगाने के बाद अायकर विभाग की पड़ी नजर

टैक्स विभाग की नजर इसपर तब पड़ी जब बैंकों ने मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वालों से चार्ज वसूलना शुरू कर दिया। कुछ बैंकों ने तो खाताधारकों पर पेनाल्टी लगाना भी शुरू कर दिया। माैजूदा नियामों के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक के खाताधारकों के खाते में मासिक न्यूनतम राशि एक लाख रुपए है तो ये ग्राहक जितना चाहें उतना एटीएम ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। अौर अगर मिनिमम बैलेंसे एक हजार रुपए से कम है तो इन खाताधरकों को एसबीआइ एटीएम से 5 आैर दूसरे एटीएम से 3 बार ही मुफ्त ट्रांजैक्शन करने की अनुमति है। इससे अधिक ट्राजैक्शन पर बैंक फीस वसूलता हैं। इसी काे ध्यान में रखते हुए आयकर विभाग मिनिमम बैलेंस पर टैक्स वसूलना चाहता है।

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