उपभोक्ताओं के लिए दूसरी सबसे बड़ी चिंता
सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, भारत में डाटा सुरक्षा में सेंधमारी उपभोक्ताओं के लिए दूसरी सबसे बड़ी चिंता है और उनका मानना है कि उनकी शिकायतों को जिस ढंग से लिया जाता है वह स्वीकार्य नहीं है। एसेंचर के प्रबंध निदेशक ऋषि अरोड़ा ने कहा, “बड़ी तादाद में लोग बेहतर कीमतों पर अधिक सक्षम सेवाओं के लिए अधिक निजी डाटा साझा करने के इच्छुक हैं जो भारत में वित्तीय सेवाओं के वितरण में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका को दर्शाता है।”
डेटा शेयरिंग को लेकर दुनियाभर में अलग हैं लोगों का व्यवहार
अपने व्यक्तिगत डेटा वित्तीय संस्थान और बैंकों से शेयर करने के मामले दुनियाभर के लोगों का अलग व्यवहार है। भारत में एक तरफ 67 फीसदी लोग तो वहीं चीन में 69 फीसदी ग्राहक अपना डेटा बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से साझा करते हैं। वहीं दक्षिणपूर्व एशियाई क्षेत्रों की बात करें तो इंडोनेशिया में 81 फीसदी लोग और थाईलैंड में 74 फीसदी लोग अपनी व्यक्तिगत जानकारी बैंक व वित्तीय संस्थानों को बताते हैं। अमरीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की बात करें तो यहां पर 50 फीसदी से भी कम लोग ऐसा करते हैं।
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