होलाष्टक शुक्रवार से होने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर भी रोक लग जाएगी। हालांकि होलाष्टक के दौरान आठ दिन शुभकार्य वर्जित रहेंगे। होलिका दहन के बाद होलाष्टक दोष समाप्त हो जाएगा। इसके बाद फिर से विवाह, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। होलाष्टक के बाद तीन, छह और आठ मार्च को शादियों की धूम रहेगी। इसके बाद 14 मार्च को मीन मल मास शुरू हो जाएगा जो कि 13 अप्रेल तक रहेगा। इस दौरान भी विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा।
चलेगी होली की तैयारियां :
होलाष्टक के दौरान ही रंगों के पर्व होली के स्वागत की तैयारियां भी चलेंगीं। घरों में गाय के गोबर से बडक़ुले बनाए जाएंगे। बाजारों में रंग-गुलाल, पिचकारी सहित घरों में होली पर बनाए जाने वाले पकवानों के लिए खरीदारी का दौर चलेगा। बाजारों में रंग-गुलाल की स्थाई दुकानों के अलावा अस्थाई दुकानें भी लगनी शुरू हो गई हैं।