घटना फतेहपुर के बिंदकी कोतवाली अंतर्गत बेहटा गांव की है। बताया गया है कि सोमवार को यहां एक तालाब के किनारे कथित रूप से प्रतिबंधित मांस पाया गया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मांस का सैंपल लेकर मामले में जांच शुरू कर दी। मंगलवार को सुबह गोमांस पाए जाने का शोर मचा। इसबार कथित मांस और अवशेष मदरसा परिसर में बने सीमेंट शेड के एक कमरे पाए जाने का दावा किया गया। थोड़ी ही देर में यह खबर आग की तरह इलाके में फैल गयी और देखते ही देखते आस-पास के गांव के लागों की भीड़ वहां जमा हो गयी। फिर हालात खराब होते देर नहीं लगी। पहले पथराव हुआ और उसके बाद मदरसे में बना एक कमरा आग के हवाले कर दिया गया।
इस हंगामे की खबर मिली तो प्रशासन के होश उड़ गए। डीएम, एसपी और स्थानीय सीओ मय हमराहियों के कई थानों की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर कर स्थिति को कंट्रोल में किया। दूसरे दिन भी इस तरह की घटना सामने आने के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। बेहटा गांव में कुछ घर मुस्लिमों के भी हैं। जिस मदरसे में यह घटना सामने आयी है वह अभी फिलहाल खाली था। पुलिस की मानें तो मदरसे से जुड़े लोग अभी गांव से फरार हैं।
जिलाधिकारी फतेहपुर संजीव सिंह ने मीडिया को बताया कि एक दिन पहले जिस तालाब के किनारे प्रतिबंधित मांस मिला था। उस मामले में सैपलिंग के बादजो कथित नाम प्रकाश में आए थ उनके खिलाफ बिंदकी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। मंगलवार को उसी के उल्टे साइड स्थित मदरसा परिसर में बने सीमेंट शेड में प्रतिबंधित मांस होने का दावा किया गया, जिसके बाद लोग जमा हो गए और हंगामा हुआ। भीड़ ने मदरसे कीएक तरफ की दीवार भी गिरा दी। उन्होंने कहा जो मांस वहां मिला उसकी जांच करायी जा रही है और साथ ही इस बात की भी जांच करायी जा रही है कि मदरसा वैध है या अवैध।
By Rajesh Singh