scriptकटान से 40 गांव खतरे में, सरकार नहीं दे रही ध्यान | Water level increase in Madaiya Ganga river in Rajepur | Patrika News

कटान से 40 गांव खतरे में, सरकार नहीं दे रही ध्यान

locationफर्रुखाबादPublished: Sep 07, 2016 08:43:00 am

विकास खण्ड राजेपुर क्षेत्र के चाचूपुर के मौजा तीसराम की मड़ैया गंगा के कटान में तेजी आ गई है। 15 मीटर कटान हो चूका है। एसडीएम ने इसका निरीक्षण भी किया लेकिन गांव वालों को कोई दिशा निर्देश नहीं दिए। 

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फर्रुखाबाद। विकास खण्ड राजेपुर क्षेत्र के चाचूपुर के मौजा तीसराम की मड़ैया गंगा के कटान में तेजी आ गई है। 15 मीटर कटान हो चूका है। एसडीएम ने इसका निरीक्षण भी किया लेकिन गांव वालों को कोई दिशा निर्देश नहीं दिए। इस गांव में करीब 40 परिवार रहते हैं। यदि यह गांव कट जाता है तो इनके रहने के लिए प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है। जब गांव जाकर देखा गया तो बहुत से परिवार अपना अपना सामान घरों से बाहर निकाल रहे थे। लोगों का कहना है कि खेती तो पहले ही गंगा में समा चुकी है और अब मकानों की बारी है।


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गांव के वीरेन्द्र का कहना है कि कटान को केवल प्रशासन ही रुकवा सकता है। जहां पर कटान हो रहा है वहां पर पत्थर डाले जाए तो कटान बन्द हो जाएगा। गांव में कुछ लोग अपना सामान टैक्टर में भरकर अपने रिश्तेदार के यहां भेज रहे हैं। गांव के बच्चे और महिलाए जहां पर कटान हो रहा है उसे देखते हुए मिले। महिलाओं का कहना है सब खेत तो कट गये अब हमारे मकान कटने वाले हैं। अधिकारी आए और चले गए किसी ने कोई मदद नहीं की। एक महीने से लगातार सूचना दी जा रही है लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया जिससे राहत मिल सके। इस मौजा में ब्रजपाल, अलबर, सर्वेश, रामऔतार, रामरहिस, रामनिवास, विनोद, रंगलाल, सुरेश, अशोक, बलवीर, मानसिंह, मीलाल, जगदीश, रामदास, रनवीर, राजपाल, राधेश्याम, सूरजपाल, सुरेन्द्र, मनजीत, राजेश कुमार, देशराज आदि लोग इस समय बहुत ही परेशान हैं। 


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इन लोगो का कहना है कि अगर हमारी परेशानी का हल प्रशासन ने नहीं निकाला तो पूरा गांव इटावा बरेली हाईवे पर अपना घर बनाएगें चाहे फिर रोड जाम हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। गांव में बाढ़ के चलते वैसे भी लोग अपनी लड़की का विवाह इस गांव में जल्दी करने को तैयार नहीं होते हैं। अधिकारी तो गाड़ी से आते और चले जाते हैं। उन पर क्या फर्क पड़ता वो सभी सुरक्षित हैं। जनता मरती है तो मरने दो।
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