स्कूल में बच्चों के लिए खाना बनाने वाली धनदेवी का कहना है कि यहां के शिक्षक बच्चों को लालच देकर बच्चों से मजदूरी कराते हैं। मिट्टी डलवाने के साथ ईट को ढुलवाते हैं जो शौचालय बने उन पर पानी डलवाते हैं। शिक्षकों ने तो बच्चों को पैसा बचाने के चक्कर में मजदूर बना दिया है। वहीं इस बाल मजदूरी को लेकर बीएसए रामसिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री झाड़ू लगाते हैं तो बच्चे श्रमदान कर रहे हैं तो क्या हुआ उसके लिए शासन से आदेश मिला है उसी वजह से शिक्षक स्कुलों में बच्चों से काम करा रहे है। उन्होंने मीडिया को ही नसीहत देते हुए कहा कि जाने कहा से बिना जानकारी के खबर पर बयान लेने आ जाते हो। जबकि जो आदेश आया है कि स्कूल में सफाई बनाये रखने के लिए श्रमदान कराया जाए जिसमें बच्चे व शिक्षक मिलकर एक साथ स्कूल की सफाई करे। लेकिन बीएसए को यह नही मालूम कि बच्चों से मजदूरों जैसा काम नहीं करा सकते हैं। जिले में बहुत से प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक खुद तो कुर्सी पर बैठे रहते है। लेकिन बच्चो से मजदूरों वाला काम कराते हैं। अभी तक किसी भी शिक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संजीव गंगवार ने बताया कि जिस प्रकार से वीडियो में बच्चों से काम कराया जा रहा है वह विल्कुल गलत है। जो उस स्कूल में शिक्षक पढ़ा रहे हैं उनके बच्चे किसी कान्वेंट स्कूल में पढ़ रहे होंगे यदि उनके बच्चों से भी मजदूरों जैसा काम कराया जाए तो यही शिक्षक आसमान सिर पर उठा लेंगे। जबकि कोर्ट ने आदेश भी दिया था कि सभी के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे लेकिन ऐसा नही हो रहा है।