मामला थाना क्षेत्र के गांव सराय मेदा का है यही के निवासी मोतीलाल जाटव पुत्र भोलानाथ जाटव बहुत ही गरीब था वह अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए खेतों में मजदूरी के साथ पल्लेदारी भी करता था। मृतक की पत्नी गीता देवी का बुरा हाल है। मृतक के दो बेटी निर्जला खुशबू, दो बेटे विपिन, नितिन है। मजदूर की मौत के बाद ग्राम प्रधान नफीस को सूचना दी गई उन्होंने अधिकारियों सर्दी से मौत की जानकारी दी लेकिन समय रहते कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा तो गांव वालों ने उस गरीब के शव के अंतिम संस्कार के लिए पूरे गांव से हर घर से चंदे के रूप में रुपए जुटाया गया उसके बाद उसका गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया है।
मृतक के कभी नहीं मिला सरकारी आवास-ग्राम प्रधान नफीस के अनुसार मृतक को सरकारी आवास दिया गया था लेकिन हकीकत यह है कि पूरा परिवार फूस की झोपड़ी बनाकर रहता है साथ ही उसके पास शौचालय भी नहीं था। वर्तमान में सर्दी चरम सीमा पर हो रही है लेकिन इस गरीब के पास गर्म कपड़े भी पहनने के लिए नहीं थे रात गुजारने के लिए न ही रजाई।
एक कहावत है कि गरीब की कोई नहीं सुनता क्योकि उसके पास खर्च करने के लिए धन नहीं होता है रोज कमाता और खाता है। क्या इस गरीब की मौत के बाद उसके परिवार की आर्थिक स्थित की सही जांच कराकर उसकी मदद करेंगे या नहीं यह देखने लायक होगा।