scriptएनम के एक हजार रुपए में इंजेक्शन लगाने से नवजात बच्चे की जान पड़ी आफत में | Kid in danger after wrong injection in Farrukhabad | Patrika News

एनम के एक हजार रुपए में इंजेक्शन लगाने से नवजात बच्चे की जान पड़ी आफत में

locationफर्रुखाबादPublished: Oct 06, 2018 09:25:54 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

बच्चे के हैपेटाइटिस का इंजेक्शन लगवाया गया था, लेकिन इंजेक्शन लगने के कुछ दिनों बाद ही बच्चे के पैर में सूजन आने लगी।

Child illness

Child illness

फर्रुखाबाद. थाना कमालगंज क्षेत्र के गांव शेखपुर की निवासी शान्ति पत्नी रक्षपाल को 18 तारीख को प्रसव पीड़ा होने पर कमालगंज सीएचसी में भर्ती कराया गया था। उसके बाद शांति ने बेटे को जन्म दिया था। 19 तारीख को बच्चे के हैपेटाइटिस का इंजेक्शन लगवाया गया था, लेकिन इंजेक्शन लगने के कुछ दिनों बाद ही बच्चे के पैर में सूजन आने लगी। रक्षपाल ने फोन से एनम नीरज राजपूत पर सूचना दी। नीरज पाल ने बताया कि हमें इंजेक्शन लगाना नहीं आता है, मुझसे तो डॉक्टर ने जो वैक्सीन दी मैंने लगा दिया।
एक हजार रुपये देने के बाद भी उसके बच्चे की जान खतरे में पड़ी हुई है। वहीं जब इस घटना को लेकर ईएमओआईसी डॉक्टर मान सिंह से बात हुई तो बताया गया कि जो शिकायत मिली है उसकी जानकारी सीएमओ को दे दी गई है। उनके द्वारा जांच कराकर कार्यवाही कराई जायेगी। दूसरी तरफ एनम ने कहा कि मुझे इंजेक्शन लगाना नहीं आता है। इस बात पर तो उनकी नौकरी भी जा सकती है।
सरकारी अस्पताल में धन उगाई क्यों-

कमालगंज सीएचसी में आये दिन मरीजों से धन उगाई का मामला सामने आ रहा है। सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों के जो भी इंजेक्शन लगाए जाते हैं, उनका कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता है। फिर भी अस्पताल की एनम नीरज पाल नवजात बच्चों के इंजेक्शन लगाने के नाम पर अपनी जेब भर रही हैं। यदि किसी बच्चे को गलत इंजेक्शन लगा देती है, तो फोन पर कहती कि मुझे लगाना नहीं आता है। देखना यह होगा कि गैर जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मचारी को सरकारी अस्पतालों में नौकरी कैसे मिल जाती है। पीड़ित परिवार ने डीएम से शिकायत दर्ज कराई है। देखना यह होगा कि अन्य अस्पतालों की तरह ही इस महिला कर्मचारी की जांच के नाम पर खानापूर्ति करके मामला शांत कर दिया जाएगा या फिर पीड़ित परिवार को न्याय दिया जायेगा।
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