दिव्यांग को तीन साल बाद मिला इंसाफ ज्यादातर मामलों में पुलिस की कार्रवाई सही न होने या एक पक्षीय कार्रवाई करने जैसे आरोप लगना आम बात हो गई है। लेकिन इसके ठीक उलट तीन साल बाद पुलिस के सफल प्रयास से दुष्कर्म पीड़िता दिव्यांग को इंसाफ मिल सका। दरअशल हब्बापुर इलाके में मूकबाधिर युवती अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके पिता किसान हैं। साल 2015 में पड़ोस में रहने वाले उसके सगे चाचा सुभाष ने उसको अपनी हवस का शिकार बना लिया था। परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे। लेकिन इशारों में घटना बताने और पुलिस के कुछ भी समझ न पाने के कारण केस को खत्म कर दिया गया।
चाचा ही निकला आरोपी तीन साल बाद एसपी संतोष मिश्रा ने क्राइम मीटिंग के दौरान मामले को संज्ञान में लेते हुए टीम गठित कर थाना जहानंगज इस्पेक्टर संजीव सिंह राठौर को केस ओपन करने का निर्देश दिया। इसके बाद कोर्ट से आदेश लेकर राजकीय संकेत विद्यालय से साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट की मदद से एसीजेएम के सामने मूकबाधिर दिव्यांग के 64 बयान दर्ज कराए गए। पीड़िता ने आप बीती सुनाई तो आरोपित का खुलासा होते ही सभी ने दांतों तले उंगलियां दबा ली। क्योंकि आरोपित कोई और नहीं उसका सगा चाचा सुभाष निकला। वहीं जब चाचा पकड़ा गया तो वह अपने आप को निर्दोष बताने लगा।
समाज में जाएगा अच्छा संदेश एसपी संतोष मिश्रा ने बताया पुलिस ने आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। इस तरह के मामलों के खुलासे के बाद समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा। इस केस को फास्ट ट्रैक में लाकर जल्द से जल्द दोषी को सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही साथ वर्तमान समय में हर प्रकार के केसों में कोई न कोई तरीका होता है। जिससे आरोपियों को आसानी से पकड़ा जा सकता है। वहीं पीड़ित को न्याय भी मिल सकता है।