फर्रुखाबाद में प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के एवज में अवैध वसूली की जा रही है। दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा बेइज्जत किया जाता है। पदाधिकारी सरकार की योजनाओं को लेकर अधिकारी से बात करना चाहता है, तो उसको वहां से टरका दिया जाता है।जिसमें उज्ज्वला योजना,राशन वितरण में धांधली, बृद्धा अवस्था पेंशन एवं लेखपालों द्वारा आय, जाति, निवास एवं पैमाइस के नाम पर तहसीलों में सुविधा वसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। घूस लेने में जो भी कर्मचारी व अधिकारी लिप्त हैं, उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
जिलाधिकारी ने अस्वासन दिया है कि जो भी अधिकारी व कर्मचारी घूस लेते पकड़ा जाएगा उसको नौकरी से निकाल दिया जाएगा। इस मौके पर शशांक शेखर मिश्रा, संजीव सिंह राठौर, रिशु दीक्षित, अमन गुप्ता, रानू दीक्षित, अनिल तिवारी, शरद शुक्ला, प्रभात यादव, आदि लोग मौजूद रहे।
जिले की तीनों तहसीलों में लोग लोकबाणी केंद्र से अपना आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन आय को कम करके लिखने के लिए लेखपाल अपने साथ एक प्राइवेट आदमी रखता है, वह दो सौ रुपये से लेकर 500 रुपये की वसूली करता है। बहुत से लेखपाल एक रुपया तक नहीं लेते हैं। वहीं कुछ अपने आप ही सुविधा शुल्क की मांग करते हैं। बहुत से लेखपालों की कॉल रिकार्ड भी की गई। उसके बाद एसडीएम सदर से उनकी शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है। दूसरी तरफ यदि कोई पीड़ित किसान अपनी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए पैमाइस की मांग करता है, तो लेखपाल व कानून गो मिलकर सरकारी फीस जमा कराने के बाद बिना सुविधा शुल्क लिए उसकी पैमाइस नहीं करते हैं। देखना यह होगा कि जिलाधिकारी मोनिका रानी इस प्रकार से वसूले जा रहे सुविधा शुल्क पर रोक लगा पाती है या नहीं, क्योकि इस प्रकार का सुविधा शुल्क हर विभाग में लिया जाता है, लेकिन इस पर रोक नहीं लगाई जा रही है। यदि रोक लगाई गई तो सरकारी कर्मचारियों के शौक के खर्चे पूरे नहीं हो सकेंगे।