खुफिया एजेंसियों ने रिपोर्ट दी थी कि रैली के दौरान कट्टरपंथी सिखों और अकाली दल कार्यकर्ताओं के बीच टकराव हो सकता है। बरगरी में कट्टरपंथी सिखों का धरना पिछले तीन माह से अधिक समय से चल रहा है। धरना गुरूग्रंथ साहिब के अपमान के दोषियों को सजा देने, अपमान की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन करते सिखों पर पुलिस फायरिंग के दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने के अलावा सिख राजनीतिक कैदियों को पंजाब की जेलों में लाने की मांगों को लेकर दिया जा रहा है।
सरकार ने यह दलील देकर लगाई थी रोक
अकाली दल के वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि रैली स्थल इस धरने से करीब चालीस किलोमीटर दूर है। राज्य सरकार द्वारा रैली के आयोजन की अनुमति देने से इनकार करने पर हाईकोर्ट ने अकाली दल की अपील पर विशेष सुनवाई की है। पंजाब सरकार ने शुक्रवार को इस रैली के आयोजन पर रोक लगा दी थी। रोक लगाने के लिए इस खुफिया रिपोर्ट का हवाला दिया गया था कि रैली के दौरान बरगरी में धरने पर बैठे सिख कट्टरपंथियों और अकाली दल कार्यकर्ताओं के बीच टकराव हो सकता है।
हाईकोर्ट ने अकाली दल से मांगी यह जानकारियां
हाईकोर्ट के जस्टिस आरके जैन ने अकाली दल के वकील से पूछा कि पार्टी ने अब तक कितनी रैलियों का आयोजन किया है। इसके साथ ही फरीदकोर्ट रैली के सही स्थान,रैली में शामिल होने वाले लोगों की संभावित संख्या और क्या रैली में शामिल होने के लिए लोग बरगरी होते हुए जायेंगे। अकाली दल के वकील ने बताया कि रैली रविवार को दानामंडी में सुबह 11 बजे से तीन बजे तक आयोजित की जायेगी और रैली में बरगरी के अलावा अन्य रास्तो से पहुंचा जा सकेगा। हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि अकाली दल 25 रैली आयोजित कर चुका है।