जींद क्षेत्र को शुरू से ही इनेलो का गढ़ माना जाता है। यहां से इनेलो विधायक हरिचंद मिढ्ढा का हालही में निधन हो गया था। मिढ्ढा इस सदन के न केवल वयोवृद्ध विधायक थे बल्कि वह हर सत्र में सबसे अधिक सवाल लगाने वाले विधायक थे। यह बात अलग रही है कि उनके जीते जी उनके अधिकतर सवालों को अतारांकित श्रेणी में डाल दिया जाता था। इसके बावजूद मिढ्ढा व्यंगात्मक तरीके से अपनी बात कहने में माहिर थे।
मिढ्ढा ने इस मानसून सत्र के लिए भी कुल नौ सवाल लगाए थे। जिनमें से आठ सवाल तारांकित श्रेणी में थे व एक सवाल अतारांकित श्रेणी में था। सत्र की कार्यवाही शुरू होती इससे पहले ही मिढ्ढा का निधन हो गया। जिसके चलते आज मुख्यमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान सदन को बताया कि मिढ्ढा ने अपने क्षेत्र के विकास से संबंधित आठ सवाल इस सत्र में लगाए थे। जिन्हें स्वीकार कर लिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार व सदन की तरफ से मिढ्ढा को श्रद्धांजलि होगी कि हम उनके द्वारा उठाई गई मांगों को स्वीकार करके उन्हें अमली रूप दें और यह न केवल सदन की नई परंपरा होगी बल्कि मिढ्ढा को सदन की तरफ से श्रद्धांजलि भी होगी। मुख्यमंत्री ने अभी अपनी बात शुरू ही की थी कि कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, करण दलाल ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार एक राजनीतिक साजिश के तहत जींद में विकास करवाना चाहती है क्योंकि जींद में छह माह के भीतर-भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं।
इस बात पर सदन में हंगामा चल ही रहा था कि विपक्ष के नेता अभय चौटाला भी सदन में आ गए और उन्होंने सरकार की इस कार्रवाई पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा कि भाजपा को जींद में अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है। इसलिए श्रद्धांजलि के नाम पर ढोंग किया जा रहा है। चौटाला ने कहा कि अगर मिढ्ढा को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो उनके द्वारा पूर्व समय के दौरान उठाई गई मांगों को भी आज ही स्वीकार कर लिया जाए।
इस मुद्दे पर खासी देर तक हंगामा होता रहा और मुख्यमंत्री ने जींद विधानसभा हलके में कई सडक़ों के निर्माण, स्कूल को अपग्रेड करने की मांग समेत स्वर्गीय मिढ्ढा द्वारा उठाई गई आठ मांगों को पूरा करने का ऐलान सदन के पटल पर करते हुए कहा कि बहुत जल्द इन विकास परियोजनाओं पर काम शुरू करवा दिया जाएगा।