तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने कहा जब संत के प्राण चले जाते हैं तो यह नेता श्रद्धांजलि देने आते हैं संत परमहंस दास ने कहा कि नेता संतों के प्राण के भूखे हैं ,जब संत के प्राण चले जाते हैं तो यह नेता श्रद्धांजलि देने आते हैं। जब तक अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा रहे रामचंद्र परमहंस दास जीवित थे तब तक प्रधानमंत्री उनसे अयोध्या में मिलने नहीं आये । उनके निधन के बाद ही पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई अयोध्या आए थे और अब जब मेरी हत्या हो जाएगी तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी मुझे श्रद्धांजलि देने आएंगे। बेहद नाराजगी भरे अंदाज़ में संत स्वामी परमहंस दास ने कहा कि पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल उर्फ़ संत सानंद के निधन के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया था कि संत के साथ मेरी शोक संवेदना है। यह नेता संत के मरने के बाद ही शोक संवेदना व्यक्त करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं | जीते जी इनसे मिलने भी नहीं जाते | परमहंस दास ने कहा कि उन्हें मरने का डर नहीं है,भगवान राम के लिए वो सूली पर भी चढ़ने को तैयार हैं | मेरी जान भले ही चले जाए शरीर के टुकड़े टुकड़े हो जाएं लेकिन अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना ही चाहिए |