आप ने लगाया आरोप बड़ा राज्य होने के कारण नही हो रहा है विकास किया जा रहा है भ्रष्टाचार
आप के प्रवक्ता सभाजीत सिह ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल राज्य है इतने बड़े सूबे का असल मायने में विकास कर पाना अब व्यावहारिक दृष्टि से दूभर है | उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी छोटे राज्यों की पक्षधर है. वह उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की हिमायत करती है और वह इस मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेगी सभाजीत सिह ने कहा क़ि बुंदेलखण्ड , पूर्वांचल ,अवध और पश्चिमी क्षेत्र के लोग अपने लिये अलग राज्य की मांग अर्से से कर रहे हैं. यह जनभावना का सवाल है. दूसरे राजनीतिक पार्टियों को इस पर गम्भीरता से सोचना चाहिये ।उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का मानना कि जनता को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है शिक्षा और स्वास्थ्य रोजगार जैसे मुद्दे पर ठीक ढंग से काम नहीं हो पा रहा है कानून-व्यवस्था और विकास की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये छोटे राज्यों का गठन जरूरी है.
आप के प्रवक्ता सभाजीत सिह ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल राज्य है इतने बड़े सूबे का असल मायने में विकास कर पाना अब व्यावहारिक दृष्टि से दूभर है | उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी छोटे राज्यों की पक्षधर है. वह उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की हिमायत करती है और वह इस मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेगी सभाजीत सिह ने कहा क़ि बुंदेलखण्ड , पूर्वांचल ,अवध और पश्चिमी क्षेत्र के लोग अपने लिये अलग राज्य की मांग अर्से से कर रहे हैं. यह जनभावना का सवाल है. दूसरे राजनीतिक पार्टियों को इस पर गम्भीरता से सोचना चाहिये ।उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का मानना कि जनता को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है शिक्षा और स्वास्थ्य रोजगार जैसे मुद्दे पर ठीक ढंग से काम नहीं हो पा रहा है कानून-व्यवस्था और विकास की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये छोटे राज्यों का गठन जरूरी है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को मिलाकर ‘हरित प्रदेश‘ बनाने की मांग सभाजीत सिंह ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था न होने और विकास की अनदेखी के कारण स्कूल, सड़क और अस्पताल नहीं बन पा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन की मांगें होती रही हैं, मगर ज्यादातर दलों के लिये यह सियासी सहूलियत का मामला कभी नहीं रहा. उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को मिलाकर ‘हरित प्रदेश‘ बनाने की मांग पहले से हो रही है उत्तर प्रदेश के बंटवारे की मांग तो कई बार उठ चुकी है, नवम्बर 2011 में तत्कालीन सरकार ने राज्य विधानसभा में उत्तर प्रदेश को चार राज्यों पूर्वांचल, बुंदेलखण्ड, पश्चिम प्रदेश और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र के पास भेजा था ।