वैसे तो अलग-अलग शहरों में छोटे-बड़े संस्थानों में फोटोग्राफी के गुर सिखाए जाते हैं, लेकिन देश के शीर्ष संस्थानों में मासकॉम या जर्नलिज्म कोर्सेज के तहत फोटोग्राफी की खास क्लासेज ली जाती हैं। एफटीआईआई में वीडियो एडिटिंग का कोर्स कराया जाता है। आईआईएमसी के जर्नलिज्म से जुड़े कोर्सेज में फोटोग्राफी के लेसन दिए जाते हैं। एमिटी यूनिवर्सिटी में भी फोटोग्राफी से जुड़े कोर्सेज कराए जाते हैं।
प्रोफेशनल फोटोग्राफी में कॅरियर बनाने के लिए कोई अनिवार्य योग्यता तय नहीं है। हालांकि कई संस्थानों में सर्टिफिकेट कोर्सेज में प्रवेश देने से पहले 10वीं या 12वीं पास होने की अनिवार्यता रखी जाती है। बतौर शौक फोटोग्राफी करने वाले बहुत से युवाओं को पढ़ाई के साथ या बाद में इसे फुल टाइम अपनाते हुए देखा जाता है। तब तक वे यह हुनर सीख चुके होते हैं।
प्रोफेशनल फोटोग्राफी के तहत आप धीरे-धीरे यह तय करते हैं कि आपकी पसंद का क्षेत्र क्या है? यह वेडिंग फोटोग्राफी भी हो सकती है और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी भी। आप चाहें तो अखबारों के लिए काम करने वाले फोटो जर्नलिस्ट भी बन सकते हैं। शुरूआत में आप किसी स्थापित फोटोग्राफर के संरक्षण मे भी काम सीखना व करना शुरू कर सकते हैं। शुरूआत में आपको कम पैसे पर भी काम करना पड़ सकता है, लेकिन एक अलग ही कहानी बयां करती तस्वीरें फोटोग्राफर्स की सैलेरी का ग्राफ लगातार बढ़ाती जाती हैं।
अक्सर फोटो जर्नलिज्म के पाठ में यह बात स्टूडेंट्स को जरूर पढ़ाई जाती है कि आपके द्वारा खींची गई कोई एक तस्वीर अपने आप में कई बातें कह जाती है और यह शब्दों की खपत बचाती है। विभिन्न इवेंट्स, समस्याओं, चर्चित हस्तियों की अदाओं आदि को कैमरे के जरिए दर्शकों और पाठकों के सामने लाने का काम ये प्रोफेशनली ट्रेंड फोटो जर्नलिस्ट ही करते हैं। इन्हें मीडिया हाउस रखते हैं।