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परीक्षाएं करीब हैं, बच्चों के मनोभावों को समझें और उन्हें प्रोत्साहित करें

locationजयपुरPublished: Feb 21, 2019 07:48:56 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू है। यह समय शिक्षक, विद्यार्थी व अभिभावक तीनों के लिए चुनौतीपूर्ण है। बच्चे तनाव न लें, इसे खेल की तरह लें। माता-पिता बच्चों के बदलते मनोभावों को समझें, हल्के में न लें।

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परीक्षाएं करीब हैं, बच्चों के मनोभावों को समझें और उन्हें प्रोत्साहित करें

परीक्षा के दौरान बच्चे अवसाद, तनाव से घिर जाते हैं। अपनी क्षमता पर संदेह करने और कमतर आंकने से दिक्कतें होती हैं। सामान्यत: माता-पिता बच्चों के ऐसे मनोभावों को पूरी तरह समझ नहीं पाते हैं जिसका कई बार घातक परिणाम सामने आता है। छात्र रात-रात भर जागते हैं। तनाव में रहते हैं। खाना कम खाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार परीक्षा के दौरान छह से आठ घंटे की पढ़ाई भी पर्याप्त होती है।

प्रोत्साहित करें परिजन

‘परीक्षा एक खेल है। परिणाम की चिंता किए बिना बेहतर प्रदर्शन करो।Ó अभिभावक ऐसी बातों से हिम्मत बढ़ाएं। हर बच्चे में असीमित प्रतिभा होती है, उन्हें यही विश्वास दिलाएं।

ब्रेक में म्युजिक सुनें

तनाव से एकाग्रता कम होती है। पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाएं।ब्रेक में म्यूजिक सुनें। क्रिएटिव तरीके से पढऩे के उपाय बताएं। सुबह हल्का व्यायाम व योग भी करना चाहिए।

विषयवार योजना बनाएं

जो बच्चे सालभर परीक्षा की तैयारी नहीं करते हैं वे ऐन वक्त पर नर्वस होने लगते हैं। ऐसे में पहले रुचि वाले विषय पढ़ें फिर कठिन विषयों व अध्यायों की तरफ बढ़ें।

– डॉ. सुनील शर्मा, मनोचिकित्सक, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर

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