scriptराष्ट्रपति की शपथ लेकर पुतिन ने भरी हुंकार कहा, फिर देश को बनाऊंगा ताकतवर | vladimir putin takes Oath as president | Patrika News

राष्ट्रपति की शपथ लेकर पुतिन ने भरी हुंकार कहा, फिर देश को बनाऊंगा ताकतवर

locationनई दिल्लीPublished: May 07, 2018 06:06:15 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर से राष्ट्पति बने हैं।

putin
नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर से राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है। सोमवार को चौथी बार उन्होंने शपथ ली। उनका कार्यकाल छह साल का होगा। सोने के कवर वाले संविधान पर शपथ लेकर व्लादिमीर पुतिन ने रूसी नागरिकों की सेवा करने, अपने अधिकारों और स्वतंत्रताओं की रक्षा करने और रूसी संप्रभुता की रक्षा करने की कसम खाई है। उन्होने कहा कि रूस, उसके वर्तमान और भविष्य के लिए हर संभव कार्य करना मैं अपना कर्तव्य और अपने जीवन का लक्ष्य मानता हूं। पुतिन ने अपने नए कार्यकाल के दौरान रूस में लोगों का जीवन स्तर सुधारने का वादा करते हुए कहा कि राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते मैं रूस की ताकत और समृद्धि को बढ़ाने की हरसंभव कोशिश करूंगा।
https://twitter.com/PutinRF_Eng/status/993446431422861312?ref_src=twsrc%5Etfw
पुतिन के खिलाफ हुए प्रदर्शन

शपथ लेने से पहले पुतिन के खिलाफ प्रदशन हुए। दो दिन पहले ही विपक्ष के नेता एलेकसी नावाल्नी और करीब १६०० प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। हजारों लोगों ने पुतिन के खिलाफ मॉस्को के पुश्किन स्क्वेयर पर प्रदर्शन किया था। लोग पुतिन के फिर से राष्ट्रपति के पद पर काबिज होने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।इससे पहले मई 2012 में भी पुतिन के तीसरे कार्यकाल के वक्त भी हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था। पुतिन पर लगातार विपक्ष के दमन का आरोप लगता रहा है।बता दें कि मार्च में हुए आम चुनाव में उन्हें 76.7 प्रतिशत वोट मिले थे।

18 वर्षों से सत्ता पर काबिज हैं पुतिन

व्लादिमीर पुतिन ने चौथी बार रूस के राष्ट्रपति बने हैं। वह वर्ष1999 से ही सत्ता में हैं।वह कभी राष्ट्रपति तो कभी प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में बने हुए हैं। अधिकांश रूसी लोगों के बीच 65 साल के पुतिन की छवि एक हीरो की है। वह उन्हें एक मजबूत नेता मानते हैं।रूस के राष्ट्रपति ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान 2014 में क्रीमिया को यूक्रेन से अलग किया और सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के पक्ष से सैन्य अभियान शुरू किया। उनका चौथा कार्यकाल पूरा होने के बाद संवैधानिक बाध्यताओं की वजह से वह 2024 में राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ सकते है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो