scriptब्रेक्सिट मुद्दे पर संसद में हार के बाद बढ़ने लगी थेरेसा की मुश्किलें, संसद में पेश हुआ अविश्वास प्रस्ताव | No confidence motion against British PM Theresa May | Patrika News

ब्रेक्सिट मुद्दे पर संसद में हार के बाद बढ़ने लगी थेरेसा की मुश्किलें, संसद में पेश हुआ अविश्वास प्रस्ताव

locationनई दिल्लीPublished: Jan 16, 2019 06:24:47 pm

Submitted by:

Shweta Singh

ब्रेक्सिट समझौते को कुल 230 मतों के भारी अंतर से खारिज कर दिया गया।

No confidence motion against British PM Theresa May

ब्रेक्सिट मुद्दे पर संसद में हार के बाद बढ़ने लगी थेरेसा की मुश्किलें, संसद में पेश हुआ अविश्वास प्रस्ताव

लंदन। ब्रिटिश संसद में प्रधानमंत्री थेरेसा मे के ब्रेक्सिट समझौते को करारी हार मिली है। इस समझौते को कुल 230 मतों के भारी अंतर से खारिज कर दिया गया। ये हार इतिहास में किसी भी सरकार की सबसे बड़ी हार है। इसके बाद ही संसद में थेरेसा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर दिया गया है।

बुधवार शाम होगा अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान

मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार शाम सात बजे तक मतदान कराया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक मे के ब्रेक्सिट समझौते के पक्ष में 202 मत पड़े, जबकि इसके खिलाफ 432 वोट पड़े। संसद में हुए इस मतदान के परिणाम के बाद 29 मार्च को यूरोपीय संघ (ईयू) से ब्रिटेन के बाहर होने (ब्रेक्सिट) का मुद्दा जटिल हो गया है।

अविश्वास प्रस्ताव पर थेरेसा मे का बयान

सरकार की इतनी बड़ी हार के बाद मे के इस्तीफे की संभावना तो जताई जा रही थी, लेकिन मतदान के तुरंत बाद दिए बयान में उन्होंने पद पर बने रहने का संकेत दिया था। मे ने उस वक्त फैसला स्वीकार करते हुए कहा था कि वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का स्वागत करेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सदन ने अपनी बात कही है और सरकार सुनेगी।’ उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि सदन इस समझौते का समर्थन नहीं करता है, लेकिन आज रात होने वाला मतदान हमें इस बारे में कुछ नहीं बताता है कि यह किसके पक्ष में होगा।’

मे के लिए बड़ा झटका

बता दें कि लेबर पार्टी के जेरेमी कॉर्बिन ने ये अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसके परिणामस्वरूप वहां अब आम चुनाव भी हो सकते हैं। कॉर्बिन ने मतदान के ठीक पहले कहा कि मे ने ब्रेक्सिट को पूरे देश के भले के मुद्दे के रूप में न लेकर कंजर्वेटिव पार्टी के मुद्दे के रूप में लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह हार मे के लिए बड़ा झटका है। समझौते को तैयार करने के लिए उन्होंने ढाई साल बातचीत की थी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो