यह बयान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव द्वारा शनिवार को दिए उस बयान के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि डोनेत्सक क्षेत्र में यूक्रेन की आजादी चाह रहे नेता अलेक्जेंडर जखारचेंको की हत्या के बाद चौतरफा वार्ता में बने रहना असंभव है। यूक्रेन वार्ता में रूस, यूक्रेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं, जिसे नॉरमैंडी प्रारूप के रूप में जाना जाता है।
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मुलाकात होनी है। माना जा रहा है कि अलेक्जेंडर जखारचेंको की हत्या के मामले पर भी इस बैठक में चर्चा होगी और रूस से होने वाली बातचीत के लिए रुपरेखा तैयार की जा सकती है। कहा जा रहा है कि फ्रांस और जर्मनी यूक्रेन मामले पर रूस पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे।
डोनेत्सक क्षेत्र में यूक्रेन की आजादी चाह रहे नेता अलेक्जेंडर जखारचेंको की हत्या के बाद यूक्रेन और रूस के बीच तनाव पैदा हो गया है। फ्रांस और जर्मनी को डर है कि कहीं यह तनाव युद्ध का रूप न ले लें। इसलिए ये देश रूस और यूक्रेन के बीच शांति बहाली के लिए मध्यता कर रहे हैं। बता दें कि रूस की तरफ से अभी हाल में आए बयान को देखा जाए तो इस मामले में दोनों देश के रिश्ते और खराब हो सकते हैं।