ये भी पढ़ें- भाजपा प्रत्याशी ने इस सीट से भरा नामांकन, भव्य रोड शो के बाद किया बहुत बड़ा ऐलान हम सब भाई सगे है, लेकिन…- शिवपाल ने कहा कि हमने पहले कभी नहीं सोचा था कि समाजवादी पार्टी से अलग होकर पार्टी बनानी पड़ेगी। नेताजी अलग लड़ेंगे और हम अलग लड़ेंगे, इसकी भी कभी कल्पना नहीं की थी, लेकिन राजनीति में यह सब होता है। शिवपाल ने कहा कि नेताजी को सबसे ज्यादा वोट से जिताना है, इसलिए हमने यह मीटिंग बुलाई है। हम सब भाई (सगे) एक हैं। इस दौरान उन्होंने रामगोपाल यादव पर तंज कसते हुए कहा कि लेकिन जो ज्यादा पड़े लिखे हैं, वही दिमाग लगा रहे हैं।
ये भी पढ़ें- सपा उम्मीदवार पूनम सिन्हा ने किया नामांकन, पति शत्रुघ्न की मौजूदगी ने कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन नेताजी से गलती हो गई- शिवपाल सिंह यादव सिर्फ यही नहीं रुके और अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर कहा कि मैंने नेताजी को समझाया था कि जिन्हें सारे अधिकार देते जा रहे हो, इनसे सावधान हो जाओ, लेकिन वह नहीं माने। 2012 में भी यूपी का मुख्यमंत्री के चयन की बात थी तब भी मैनें नेताजी को राय दी, लेकिन नेताजी से गलती हो गई और उन्होंने पूरे अधिकार दे दिए। नेताजी का सबसे पहले अपमान हुआ। उसके बाद मेरा भी अपमान हुआ।