समाजवादी पार्टी(Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव(Mulayam Singh Yadav) की आज यानी 10 अक्टूबर को पहली पुण्यतिथि है। उनके पैतृक गांव सैफई में एक श्रद्धांजलि सभा रखी गई, जिसमें खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) और उनके परिवार के लोग शामिल हुए।
सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक और उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान ने कहा कि तीन बार विधायक बनने के बाद भी मुलायम सिंह यादव ने 1977 तक साइकिल की सवारी की।
मुलायम सिंह यादव का कहना था कि साइकिल का चिह्न गरीबों, दलितों, किसानों और मजदूर वर्गों को दर्शाता है। जिस तरह से समाज और समाजवादी चलते रहते हैं, उसके दो पहिये खड़े होते हैं, जबकि हैंडल बैलेंस करने के लिए होता है।
मुलायम सिंह यादव 1960 में इटावा में जब कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्हें रोजाना करीब 20 किलोमीटर साइकिल चलाकर कॉलेज जाना पड़ता था। मुलायम के घर की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वह एक साइकिल खरीद पाते। पैसों की कमी के चलते वह मन मसोस कर रह जाते थे और कॉलेज जाने के लिए संघर्ष करते थे।
आत्मकथा पर आधारित फ्रैंक हुजूर की किताब ‘द सोशलिस्ट’ के मुताबिक मुलायम ने खेल में शर्त में रॉबिनहुड साइकिल जीती। तभी मुलायम साइकिल पर ऐसे सवार हुए कि जब 4 नवंबर 1992 को समाजवादी पार्टी बनी तो उन्होंने पार्टी का चुनाव निशान भी साइकिल ही रखा।
Sanjana Singh
संजना सिंह एक डिजिटल पत्रकार हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुईं संजना को खबरों की दुनिया से लेकर वीडियो की दुनिया तक अच्छी समझ है। इन्होंने दिल्ली और असम चुनाव में भी काम किया है।