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यूपी के इस जिले में गोदभराई शादी से पूर्व नहीं, गर्भधारण पर होती है

locationएटाPublished: May 30, 2019 06:26:07 pm

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि एटा जिले में 1678 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यक्रम हुआ। 3396 गर्भवती की हुई गोदभराई, पोषण की बात बताई

God bharai

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एटा। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण वर्ष 2015-16 (NFHS- 4) के अनुसार एटा जिले में 38.3 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एअनीमिया (खून की कमी) से ग्रसित हैं। गर्भवती महिलाओं के पोषण और सेहत पर संयुक्त रूप से स्वास्थ्य विभाग व आईसीडीएस विभाग द्वारा नजर रखी जाती है और सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। आईसीडीएस विभाग द्वारा प्रति माह 30 तारीख को प्रदेश के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर ‘गोदभराई दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस पर के दौरान गर्भवती व भ्रूण के उज्ज्वल भविष्य हेतु मंगल गीत गाये जाते हैं। जागरूकता बैठक का आयोजन कर गर्भवती महिलाओं की गोद भराई सम्पन्न की जाती है।
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जिला कार्यक्रम अधिकारी खुद पहुंचे
इसी क्रम में बृहस्पतिवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्यप्रकाश पाण्डेय ने सकीट के मलावन व मारहरा क्षेत्र के अमीरपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित कार्यक्रमो में प्रतिभाग कर 21 महिलाओं की गोद भराई करायी की। इस दौरान जिला पोषण विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा, स्वस्थ भारत प्रेरक रजत कुमार, परियोजना अधिकारी राजीव कुमार, परियोजना अधिकारी सोनी कुशवाह, मुख्य सेविका संध्या चौहान, मुख्य सेविका विमला यादव, मुख्य सेविका मिथलेश यादव, पोषण सखी कंचन पाण्डेय, पोषण सखी रीना यादव व आँगनवाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रही।
पोषण के बारे में बताया
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिले के 1678 केंद्रों पर 3396 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गई। इस गतिविधि का उद्देश्य महिलाओं को पोषण के लिए जागरूक व प्रोत्साहित करना है, जिसमे मुख्य रूप से 10 में से 5 खाद्य समूह का सेवन व नियमित आईएफए गोलियों का सेवन करने हेतु उन्हें प्रोत्साहित किया गया।
आयरन फोलिक एसिड की गोली
एनएफएचएस सर्वे के अनुसार जिले में 10.6 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं ही 100 या उससे ज्यादा दिन ही आयरन फोलिक एसिड की गोली का सेवन करती हैं। इसलिए जनजागरूकता की जरूरत है। सुपोषण स्वास्थ्य मेला, ग्राम स्वास्थ्य व पोषण दिवस एव गोद भराई दिवस के दौरान जनजागरूकता के प्रयास निरंतर जारी है। आयरन की गोलियों की आपूर्ति को सुनिश्चित करवाया जा रहा है। साथ ही साथ सभी कार्यकर्ताओं कत्रियों को निर्देशित किया गया है कि वह वो नियमित गृह भृमण कर लाभार्थियों को परामर्श प्रदान करती रहें।
गर्भवती महिला के पोषण हेतु क्या है जरूरी

1) आयरन फोलिक एसिड की गोलियों का नियमित सेवन
2)दैनिक रूप से पोषक भोजन
3) कैल्शियम की गोलियों का सेवन

एनीमिया नियंत्रण हेतु दी जा रही IFA गोलियों के सेवन नियम
-सामान्य गर्भवती (हीमोग्लोबिन स्तर 11 ग्राम/डेसीलीटर) होने पर गर्भावस्था में 180 दिन तक हर दिन 1 गोली का सेवन
-एनीमिक गर्भवती (हीमोग्लोबिन स्तर 7 से 11 ग्राम/डेसीलीटर के बीच) होने पर गर्भावस्था में 180 दिन तक हर दिन 2 गोली का सेवन
-गंभीर एनीमिक (हीमोग्लोबिन स्तर 7 ग्राम/डेसीलीटर से कम होने पर स्वास्थ्य संस्था हेतु रेफर किया जाना चाहिए। जहां आयरन सुक्रोज या रक्ताधान जो भी आवश्यक हो वो चिकित्सकों की रेखरेख में हो।
गर्भवती हेतु पोषक भोजन कैसा हो
1)अनाज व कंदमूल
2)दालें व फलियां
3)सूखे मेवे
4)दूध व दूध से निर्मित पदार्थ
5)अंडा
6)मांस व मछली
7)विटामिन ए युक्त पीले फल व सब्जियां
8)हरी व पत्तेदार सब्जियां
9)अन्य फल
10) अन्य सब्जियां
इन 10 खाद्य समूह में से प्रतिदिन कम से कम 5 खाद्य समूह का सेवन तथा आयोडीन नमक का सेवन लाभकारी होता है।
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