script

कर्मचारियों का 3 दिनी कार्य बहिष्कार 29 अगस्त से

Published: Aug 28, 2018 11:11:38 am

सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई जोर-शोर से लडऩे का मन बना लिया है।

Work Boycott

Work Boycott

सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई जोर-शोर से लडऩे का मन बना लिया है। उत्तर प्रदेश राज्य एवं केंद्र सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली मंच द्वारा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर 29 अगस्त से प्रस्तावित तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार में भागीदारी को तैयार हो गए हैं। मंच अपनी लड़ाई को देश स्तर तक ले जाएगा और हर राज्य में कर्मचारी संगठनों को पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन में शामिल करेगा। इसके लिए संगठन की सात टीमें 7 से 15 सितंबर तक देश के हर राज्य का भ्रमण करेगी।

सोमवार को संयोजक इं. हरिकिशोर तिवारी ने परिषद कार्यालय दारूलशफा में आयोजित पत्रकार में बताया कि 29, 30 एवं 31 अगस्त को होने वाले कार्य बहिष्कार कार्यक्रम के तहत राजधानी में लगभग दस विभागों में गेट मीटिंग होगी, जिसे केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी संगठन, फेडरेशन, परिषद और महासंघ के वरिष्ठ पदाधिकारी संबोधित करेंगे।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत प्रदेश के समस्त जनपद स्तर पर गेट मीटिंग विकास भवन एवं तहसील मुख्यालयों पर तहसील पर होगी। कार्य बहिष्कार हर जिले में पर्यवेक्षक टीम के नेतृत्व में होगा और अंतिम दिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित एक सूत्रीय मांगपत्र का ज्ञापन सौंपा जाएगा।

वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ और पुरानी पेंशन बहाली मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार के बाद ‘पुरानी पेंशन बचाओÓ अभियान के तहत पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए भ्रमण पर जाएगा। देश के हर राज्य में कर्मचारी संगठनों से मिलकर उन्हें इस आंदोलन में शामिल कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके लिए सात टीमों का गठन किया गया है। इनमें केंद्रीय कर्मचारी संगठन, एसोसिएशन और फेडरेशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ माध्यमिक शिक्षक, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ, फेडरेशन, शिक्षक एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि भ्रमण कार्यक्रम के बाद हर प्रांत के पदाधिकारियों की बैठक सितंबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में कामरेड शिवगोपाल मिश्रा की अध्यक्षता में होगी। इसमें हर प्रांत में पुरानी पेंशन बहाली के लिए उस प्रांत की राजधानी में राज्यव्यापी रैली की जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ केंद्रीय नेता शामिल होंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो