उन्होंने कहा कि इसलिए शिक्षकों के वेतन भुगतान को अब हर बार आवंटन के लिए वित विभाग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। मोदी ने आगे कहा कि पहले महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को तीन महीने की एकमुश्त राशि मुख्यालय से निर्गत की जाती थी, जिसे शिक्षकों और कर्मचारियों के खाते में जाने में महीने भर का अतिरिक्त समय लग जाता था।
इसलिए, बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय को छह माह की वेतन राशि एकमुश्त अग्रिम भेज दी जाएगी, जिसे पीएल खाते में रखी जाएगी। इस खाते से विश्वविद्यालय हर महीने राशि निकाल कर वेतन का भुगतान कर सकेगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए अब मुख्यालय से बिहार शिक्षा परियोजना के माध्यम से सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी को राशि निर्गत कर दी जाएगी ताकि प्रत्येक माह ससमय वेतन का भुगतान हो सके। उन्होंने सभी शिक्षकों का डाटा बेस तैयार करने का भी निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में प्राथमिक शिक्षा के लिए 22887 करोड़ रुपए, माध्यमिक शिक्षा के लिए 5209 करोड़ रुपए और उच्च शिक्षा के लिए 4295 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। बैठक में वित विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी के अलावा बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक सहित प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा निदेशक उपस्थित थे।